महिलाकर्मियों के मातृत्व को लेकर एपल, फेसबुक की अनोखी पहल
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न्यूयार्क। महिला प्रतिभाओं को कंपनी से जोड़े रखने और प्रोत्साहित करने के लिए सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र की दो प्रमुख अमेरिकी कंपनियों फेसबुक और एपल ने अपने कर्मचारियों को डिम्ब सुरक्षित [फ्रीज] रखने के लिए धन देने की योजना पेश की है। कुछ लोग इस पहल को महिलाओं को अपनी आत्मा को कंपनियों को बेच देने का प्रलोभन देने की कंपनियों की चाल के तौर पर देख रहे हैं। इन कंपनियों के प्रवक्ताओं ने एनबीसी न्यूज से कहा कि लोकप्रिय सोशल नेटवर्किंग साइट फेसबुक महिलाओं को अपने डिम्ब सुरक्षित रखने के लिए भुगतान की प्रक्रिया शुरू कर चुकी है, जबकि एपल यह प्रक्रिया जनवरी में शुरू करेगी। गैर-स्वास्थ्य कारणों से भुगतान की पेशकश करने वाली यह पहली कंपनियां हैं। एपल कंपनी यह भुगतान गर्भाधान लाभ और फेसबुक सरोगेसी [स्थानापन्न मातत्व] लाभ के तहत करेगा और दोनों कंपनियां इसके तहत 20,000 डालर का भुगतान करेंगी। महिलाओं ने इस साल से इस प्रावधान का लाभ लेना शुरू कर दिया है। दोनों कंपनियां गर्भाधान संबंधी इलाज और गोद लेने के लिए कर्मचारियों को धन देने की योजना पहले से चला रही हैं। फेसबुक नए माता-पिता बने कर्मचारियों को बेबी कैश के तौर पर 4,000 डालर देने के लिए मशहूर है। कर्मचारी इसका उपयोग अपनी मर्जी से कर सकते हैं।
यह खबर माइक्रोसाफ्ट के मुख्य कार्यकारी सत्य नडेला की एक कथित लिंग भेदी टिप्पणी पर प्रौद्योगिकी क्षेत्र में महिलाओं के वेतन में कमी को लेकर छिड़ी बहस के बीच आई है। नडेला ने कहा था कि महिला कर्मचारियों को वेतन में बढ़ोतरी की मांग करने की बजाय अपने कर्म पर विश्वास करना चाहिए। उपयुक्त वेतन वृद्धि को व्यवस्था पर छोड़ देना चाहिए। डिम्ब सुरक्षित करने की वकालत करने वाले और मरीज मंच एगश्योरेंस डाट काम के संस्थापक ब्रिजिट ऐड़स ने कहा अत्यधिक काम की अपेक्षा करने वाले करियर और बच्चों का पालना एक साथ अभी भी मुश्किल काम है। उन्होंने कहा कि इस लाभ के जरिए कंपनियां महिलाओं में निवेश कर रही हैं ओर उन्हें ऐसा जीवन जीन में मदद कर रही हैं जैसा वे चाहती हैं। यह प्रक्रिया बेहद मंहगी है और हर दौर में इस पर 10,000 डालर खर्च होते है और हर महिला अपने अंडाणु का सुरक्षित कराने का विकल्प नहीं अपना सकती। एजेंसी