उत्तर प्रदेश

महिला प्रवक्ता ने लगाया शारीरिक और मानसिक शोषण का आरोप 

0 आरोप से कैंपस में फैली सनसनी, हुआ हंगामा 

मेरठ : यू तो कैंपस छात्रों के विवादों के चलते ही चर्चा में रहता है। लेकिन अब एक नए मामले को लेकर चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय फिर से चर्चाओं में आ गया है। कैंपस में एक महिला प्रवक्ता ने अपने एक साथी प्रवक्ता पर शारिरिक और मानसिक उत्पीड़न का आरोप लगाया है। मामला कैंपस के वनस्पति विज्ञान विभाग से जुडा हुआ है। डा0 शैलेन्द्र का स्थानांतरण बीते अक्टूबर माह ही वनस्पति विज्ञान विभाग में हुआ है। डा0 शैलेन्द्र के अनुसार वे शुक्रवार की सुबह जब अपने कार्यालय पहुंचे तो मेडिकल थाना से संबंध तेजगढी पुलिस चौकी इंचार्ज उनके पास पहुंचे और अपने साथ चलने को कहा। उन्होंने जब कारण जानना चाहा तो बताया कि उनके खिलाफ शारीरिक और मानसिक उत्पीडन के आरोपों की तहरीर दी गई है। उन्होंने इंचार्ज से बिना अपनी विभागाध्यक्ष की अनुमति के कैंपस परिसर छोड़ने से मना कर दिया। उधर, छात्रों ने भी विवि परिसर में पुलिस के प्रवेश का विरोध शुरू कर दिया। विभागाध्यक्ष प्रो0 वाई विमला ने पुलिसकर्मियों को समझाते हुए इसे आपस का मामला बताकर वापस भेज दिया।
डा0 शैलेन्द्र का कहना है कि उनकी आज तक उक्त महिला प्रोफेसर से कोई बात नहीं हुई। वहीं दोपहर को आरोप लगाने वाली महिला प्रवक्ता भाजपा नेताओं के साथ विभागध्यक्ष से मिलने पहुंची। उन्होंने आरोप लगाया कि डा0 शैलेन्द्र उन्हें क्लास नहीं लेने देते और बात-बात पर अकारण डांटते हैं। गुरूवार को भी डा0 शैलेन्द्र ने उन्हें बिना किसी कारण के पूरे स्टॉफ के सामने बेइज्जत किया था। विभागाध्यक्ष ने दोनों पक्षों को आमने-सामने बिठाकर बात की। जिसके बाद डा0 शैलेन्द्र ने यह सैमिस्टर पूरा होने के बाद क्लास लेने से इंकार कर दिया। जिसके बाद दोनों पक्षों में समझौता हो गया। वहीं विभाग के छात्रों ने आरोप लगाने वाली महिला प्रोफेसर पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने आरोप लगाया कि महिला प्रवक्ता मुस्लिम और दलित छात्रों को क्लास में सबसे पीछे बिठाती हैं। छात्राओं के कपड़ों को लेकर अभद्र टिप्पणी करती हैं। वहीं विरोध करने वालों पर यह रौब गालिब करती हैं कि वह पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की रिश्तेदार हैं। हालांकि महिला प्रवक्ता ने छात्रों के आरोपो का खंडन किया है।

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