महिला हेल्पलाइन पर पिज्जा भेजने से लेकर रिचार्ज के लिए आ रही कॉल
कॉल सेंटर में रोजाना 3500 से 4000 कॉल आती हैं। पर, 99 फीसदी से भी ज्यादाकॉल फर्जी होती हैं। महज 20 से 25 कॉल ही जरूरतमंद महिलाओं की होती हैं।
प्रदेश सरकार ने महिलाओं की मदद के लिए 181 महिला हेल्पलाइन सेवा शुरू की है। इस हेल्पलाइन के जरिये महिलाओं को पुलिस, मेडिकल, कानूनी सलाह व काउंसलिंग सब कुछ एक ही नंबर पर मिलती है।
इस हेल्पलाइन के कॉल सेंटर के संचालन का जिम्मा 108 व 102 एंबुलेंस का संचालन करने वाली जीवीके-ईएमआरआई को दिया गया है। हेल्पलाइन के कॉल सेंटर में सबसे बड़ी दिक्कत फर्जी कॉलों से आ रही है।
महज 1057 कॉल ही जरूरतमंद महिलाओं की थी। इनमें भी 122 कॉल केवल सूचना लेने के लिए थीं। 935 कॉल पर कॉल सेंटर ने कार्रवाई की।
घरेलू हिंसा की सबसे ज्यादा शिकायतें
कॉल सेंटर में मदद के लिए आईं 1057 कॉलों में सबसे अधिक 500 से अधिक मामले घरेलू हिंसा के हैं। हेल्पलाइन की सूचना लेने के लिए भी 57 कॉलें आईं। दहेज के कारण उत्पीड़न के 35 मामले आए। करीब 60 मामले महिलाओं को तंग करने के आए हैं।
जान से मारने की धमकी देने के लिए 42 व लैंगिक उत्पीड़न के 25 मामले दर्ज हुए। बलात्कार के भी 13 मामले दर्ज हुए। करीब 50 मामले ऐसे आए जिनमें कॉल सेंटर ने रेस्क्यू वैन भेजकर महिलाओं की तत्काल मदद की।
सरकारी विभागों के अफसरों को ही इस हेल्पलाइन के बारे में जानकारी नही है। 1090 वीमेन पावर हेल्पलाइन व 181 महिला हेल्पलाइन में भी भ्रम है। गैरजरूरी कॉल आने के पीछे यह भी प्रमुख वजह है।
इस पर प्रमुख सचिव महिला कल्याण मोनिका एस गर्ग का कहना है कि यह बात सही है कि जितना प्रचार 181 महिला हेल्पलाइन का होना चाहिए था, उतना नहीं हुआ है। अब हम इसका प्रचार करवा रहे हैं। इसके लिए सेमिनार व संगोष्ठी के आयोजन भी किए जा रहे हैं। महिला हेल्पलाइन का प्रचार करने के लिए प्रचार वाहन भी चलाए जा रहे हैं। समाज को हर तरह से जागरूक करने की कोशिश की जा रही है।