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मां ने मासूम को झाड़ियों में फेंका, दूसरी महिला ने बकरी का दूध पिलाकर 7 दिन तक जिंदा रखा

  • भोपाल.बेटी ने जन्म लिया तो मां ने उसे बागमुगालिया देशी कलारी के पास झाड़ियों में फेंक दिया। बच्ची के बिलखने की आवाज सुनकर एक राहगीर ने उसे गोद में उठा लिया। जल्दी दफ्तर पहुंचना था इसलिए मासूम को अपनी एक परिचित महिला के हवाले कर दिया। महिला ने मासूम की मां की तरह परवरिश की।
    मां ने मासूम को झाड़ियों में फेंका, दूसरी महिला ने बकरी का दूध पिलाकर 7 दिन तक जिंदा रखा 
    सात दिन तक उसे बकरी का दूध पिलाकर जिंदा रखा। राहगीर नौकरी से लौटे और फिर मासूम को बागसेवनिया पुलिस के हवाले कर दिया। अवधपुरी निवासी 42 वर्षीय विजय गिरी गाडरवाडा स्थित एमपीआरडीसी में काम करते हैं। एसआई राजेश सिंह के मुताबिक बीती आठ अगस्त की रात विजय बागमुगालिया स्थित अपने घर से गाडरवाडा के लिए निकल रहे थे। देशी कलारी के पास किसी बच्चे की रोने की आवाज सुनकर रुके। टॉर्च जलाकर देखा तो झाड़ियों में एक बच्ची हाथ-पैर पटकते हुए नजर आई। उसके बदन पर पतला कपड़ा लिपटा था। बगैर देर किए विजय ने उसे गोद में उठा लिया। इसके बाद बच्ची को लेकर अमराई में रहने वाली अपनी परिचित विमला गौड़ के पास पहुंचे। विमला को बच्ची की देखरेख के लिए समझाया और गाडरवाडा चले गए।
     
    विमला ने जताई गोद लेने की इच्छा
    विजय मंगलवार को गाडरवाडा से भोपाल लौटकर विमला के पास पहुंचे। इन सात दिनों में विमला बच्ची की मां की तरह देखभाल की। उसे बकरी का दूध पिलाकर जिंदा रखा। फिर विजय और विमला मासूम को लेकर बागसेवनिया थाने पहुंचेविमला ने पुलिस को बताया कि साहब मेरे पांच बच्चे हैं। इस बच्ची की आगे भी मैं परवरिश कर लूंगी।
     
    पुलिस ने उन्हें समझाया कि कानून उन्हें इसकी इजाजत नहीं देता। इसके बाद पुलिस ने मासूम को चाइल्ड लाइन के हवाले कर दिया। चाइल्ड लाइन ने बाल कल्याण समिति के आदेश से एडाप्शन एजेंसी किलकारी(उड़ान ) को रात 10 बजे सुपुर्द किया। बच्ची की मेडिकल जांच की गई। बच्ची पीलिया से पीड़ित और वजन 1 किलो है। डॉक्टर के अनुसार बच्ची करीब 12दिन की है। प्री मेच्योर जन्म है।
     
     

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