अद्धयात्म

मां बाप की इकलौती संतान होते हैं इस ग्रह के लोग

अगर किसी व्यक्ति की हथेली पर शुभ शनि पर्वत हो तो स्त्री पुरुष अपने माता पिता की एकलौती संतान होते हैं। वही इनके जीवन में प्रेम का सर्वोपरि महत्व भी होता हैं। वही हस्तरेखा विशेषज्ञों की माने तो ऐसे व्यक्ति की बुढ़ापे तक प्रेम में रुचि बनी रहती हैं। मगर इससे ज्यादा आनंद उन्हें प्रेम का नाटक रचने में आता हैं वही उनका यह नाटक छोटी आयु से ही शुरू हो जाता हैं। वही आपको बता दें,कि इस तरह के व्यक्ति अपने स्वभाव से संतोषी और कंजूस होते हैं।

इनमें कला क्षेत्रों में रुचि अधिक पायी जाती हैं। वही इनको संगीत में विशेषकर रूचि होती हैं। अगर ये लेखक हैं तो धार्मिक रहस्वाद उनके लेखन का विषय होता हैं। वही अविकसित शनि पर्वत होने पर व्यक्ति एकांतप्रिय अपने कार्यों और खो जाता हैं,ये लोग अपने घर गृहस्थी की बिल्कुल भी चिंता नहीं करते हैं।

वही ऐसे व्यक्ति चिड़चिडे और शंकालु स्वभाव के भी हो जाते हैं उनके शरीर में रक्त वितरण कमजोर हो जाता हैं। अधिकतर लोग निर्बल स्वास्थ्य वाले होते हैं। वही अगर हृदय रेखा भी जंजीर के आकार की हो तो व्यक्ति की वाहन दुर्घटना में मृत्यु की भी आशांका बनी रहती हैं।वही अगर शनि के क्षेत्र पर भाग्य रेखा कही जाने वाली शनि रेखा समाप्त होती हैं इस पर ​शनिवलय भी मिलती हैं। वही शुक्रवलय इस पर्वत को घेरती हुई निकलती हैं। तो ऐसा मनुष्य मान सम्मान को प्राप्त करता हैं।

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