जीवनशैली

मां सिर्फ वही नहीं, जिसने जन्‍म दिया, हर वह शख्‍स है, जिसने मां जैसा प्‍यार दिया

मां कहां नहीं होती? घर में तो होती ही है. घर से बाहर निकलो तो बाहर भी मां मिल जाती है.

कॉलेज पढ़ने जाते हैं तो हॉस्टल में हमें मां जैसी सीनियर मिल जाती है. वो हमारे नहाने, सोने-उठने का ख्याल रखने लगती है. कॉलेज में लास्ट बेंच वाली सहेली लंच नहीं खाने पर मां की तरह डांटने लगती है.

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आपको वो स्कूल वाली दोस्त याद है? जिसकी पिटाई होने पर आप उसे चिढ़ाते थे. कॉलेज से जाते-जाते वो आपकी इतनी अच्छी दोस्त बन गई है कि अब आपके हर ब्रेक-अप, पैच-अप के रोने-धोने में आपका साथ देती है. दुखी होते हैं तो भी उसे ही फ़ोन करते हैं. खुश होते हैं, तब भी उसी का ध्यान आता है.

आप पढ़ाई छोड़कर आवारागर्दी करने लगे तो आपकी बेस्ट फ्रेंड आपको रोकती टोकती है तो आपके मुंह से निकल जाता है, ”अरे मेरी मां ठीक है. पढ़ाई पर ही ध्यान दूंगा.”

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दोस्त के रूप में, सहेली के रूप में, बड़ी दीदी और बड़े भैया के रूप में हमें न जाने कितने मां जैसे इंसान मिले हुए हैं. जो न सिर्फ हमारी गलतियां सुधारते हैं बल्कि हमारे लिए बहुत सारे समझौते भी करते हैं. अपनी चॉकलेट बांटने से लेकर अपने पसंदीदा शर्ट तक शेयर कर लेते हैं.

कुछ ऐसे ही रिश्तों का उत्‍सव मना रहा है नीविया का ये नया विज्ञापन. इस मदर्स डे पर उन सारे लोगों का शुक्रिया अदा करिए जिन्‍होंने किसी न किसी रूप में आपके जीवन में मां की भूमिका निभाई है.

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