माइग्रेन की दवाएं हो सकती हैं शिशु के लिए हानिकारक
एजेन्सी/ न्यूयॉर्क: माइग्रेन (सिरदर्द) से पीड़ित गर्भवती महिलाओं के लिए सुरक्षित मानी जाने वाली सिरदर्द की कुछ दवाएं और उपचार संतान पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकते हैं। एक नए शोध में यह खुलासा हुआ है। शोधकर्ताओं ने पाया है कि अमेरिका में 65 प्रतिशत से अधिक गर्भवती महिलाओं द्वारा प्रयोग की जाने वाली एसिटामिनोफेन दवा संतान के विकास के दौरान उसकी एकाग्रता क्षमता को प्रभावित करती है।
अमेरिका नार्थ कैरोलीना स्थित विन्सट्न-सालेम के वेक फॉरेस्ट बैपटिस्ट मेडिकल सेंटर में इस अध्ययन की मुख्य लेखिका रेबेका एरविन वेल्स के अनुसार, “हमें उम्मीद है कि उपचार की यह समीक्षा डॉक्टरों और मरीजों की एक गाइड के रूप में मदद करेगी। इससे चिकित्सकों को अधिक निष्कर्षों की व्याख्या करने के अवसर प्राप्त होंगे। यह अध्ययन विशेष रूप से उन उपचारों के विकल्प के लिए मददगार होगा, जो चिकित्सकों द्वारा आमतौर पर माइग्रेन पीड़ित गर्भवती महिलाओं को सुझाया जाता है।”
शोध के अनुसार, गर्भावस्था के दौरान महिलाओं के लिए मैग्नीशियम सबसे सुरक्षित तत्व माना जाता रहा है, लेकिन हाल ही में यूएस फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (एफडीए) ने इस तत्व को डी स्तर का दर्जा दिया है, जिसका अर्थ है कि यह सुरक्षित नहीं है। इसके साथ ही बूटलबाइटल, एस्पिरिन और कोडीन जैसी तमाम दवाएं हैं कई तरह के जोखिमों को बढ़ाने के लिए जिम्मेदार मानी जाती हैं।
वेल्स ने बताया, मरीजों और डॉक्टरों को इस ओर सावधानी रखनी चाहिए। इसके साथ ही उपचारों के जोखिमों को लेकर भी जागरूक होना चाहिए।
यह शोध ‘करंट न्यूरोलॉजी एंड न्यूरोसाइंस रिपोर्ट्स’ पत्रिका में प्रकाशित हुआ है।