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मात्र साढ़े 3 घंटे में बनाया अंडरपास और दौड़ा दी ट्रेन, जानकर हो जाएंगे हैरान

महज साढ़े तीन घंटे में अंडरपास न सिर्फ तैयार किया गया बल्कि ट्रेन भी दौड़ा दी गई। सुनने में अचंभा भले लगे लेकिन पूर्वोत्तर रेलवे लखनऊ मंडल के अफसरों ने इसे हकीकत में अंजाम दिया है। खास बात यह है कि रेलवे अफसरों ने न तो किसी नई तकनीक का इस्तेमाल

किया और न ही कोई फार्मूला लगाया, बस बेजोड़ प्रबंधन से इस कार्य को संभव बनाया गया।
हादसों को रोकने के लिए रेलवे ने समपार फाटकों पर तेजी से अंडरपास बनाना शुरू किया है। इसी क्रम में मनकापुर-अयोध्या रेलखंड के समपार संख्या सात पर 11 मार्च को ब्लॉक लेकर अंडरपास बनाया गया। एहतियातन अधिकारियों ने चार घंटे ब्लॉक लिया।

सिंगल लाइन वाले इस रेलवे ट्रैक पर साढ़े तीन घंटे में ही अंडरपास बनकर तैयार हो गया और लाइन क्लीयर कर ट्रेन भी चला दी गई। इसी तरह बभनान-सरयू रेलवे ट्रैक पर अनारक्षित समपार संख्या 54 सी पर डबल लाइन है। यहां भी सिर्फ चार घंटे में अंडरपास बना दिया गया। इस रूट पर इलेक्ट्रिक इंजन से ट्रेन चलती है लिहाजा ओवर हेड साजोसामान को हटाकर बाद में जोड़ना पड़ा।
ट्रेनें ज्यादा लेट नहीं, आर्थिक बचत भी

अंडरपास बनाने के लिए पहले आठ से दस घंटे का समय लगता था। लेकिन इस गति से अंडरपास बनाने से एक तरफ जहां ट्रेनें ज्यादा लेट नहीं हुईं, वहीं रेलवे की आर्थिक बचत भी हुई।

बनाने का तरीका

रेलवे ट्रैक को हटाकर जेसीबी की मदद से मिट्टी काटी गई। पहले से तैयार चार बेस स्लैब को रखा गया और इसके बाद आरसीसी के बने छह बाक्स रखकर मिट्टी भरी गई। रोलर दौड़ाकर रेलवे ट्रैक बिछा दी गई। इसके बाद सिग्नल को दुरुस्त कर ट्रेन चला दी गई। रेलवे अधिकारियों के मुताबिक इस काम में100 मजूदर, 300 टन क्षमता के दो क्रेन और चार जेसीबी का इस्तेमाल किया गया।

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