मानव तस्करी में हापुड़ पत्नी को एक लाख में बेचा, रामपुर में बेटी की कीमत 14 हजार
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में मानव तस्करी की वारदातें एक नहीं अनेक सामने आने लगीं हैं। हापुड़ की महिला को उसके पति ने एक लाख रुपये में बेच दिया जबकि रामपुर में एक पिता ने अपनी बेटी को सौदा चौदह हजार में कर डाला। एक मामला पुलिस तक पहुंच गया है लेकिन दूसरा मामला दरवाजे पर दस्तक दे रहा है। शायद उसकी भी कोई सुनवाई हो।
हापुड़ में पत्नी को बेचा
हापुड़ के एक गांव की रहने वाली महिला को उसके ही पति ने एक लाख रुपये में बेच दिया। आरोपी उसे हापुड़ ले गए और एक कमरे में बंद करके कई दिन तक जाने कितने ही अत्याचार किए। उसके साथ हैवानियत की हदें पार करने वाले पांच लोग रहे। अब महिला रिपोर्ट दर्ज कराने को हापुड़ और मेरठ के चक्कर लगा रही है। आज वह मेरठ एसएसपी से मिलने पहुंची लेकिन सीएम की रैली के कारण वह एसएसपी से भी नहीं मिल पाई।
महिला की शादी तीन साल पहले सरधना थानाक्षेत्र के एक युवक के साथ हुई थी। महिला ने बताया कि 12 दिसंबर को उसका पति उसे मेरठ दवाई दिलाने के बहाने लाया। हापुड़ जाने वाली बस का इंतजार कर थे तो उसी समय उसका पति बहाना करके वहां से चला गया। तभी एक ऑटो आया और उसमें सवार दो युवकों ने महिला को ऑटो में खींच लिया और हापुड़ के मजीदपुरा गली नंबर नौ के एक कमरे में बंद कर दिया।
पांचवें दिन एक खिड़की से पड़ोसी महिला से संपर्क कर के स्थान का पता किया और अपनी बहन को सूचना दी। उसकी बहन ने मौके पर पहुंच उसे मुक्त कराया। उस आरोपी वहां नहीं थे। हापुड़ देहात थाने में पहुंचने पर उन्हें मामला मेरठ के नौचंदी थाने का बताया गया। वह नौचंदी थाने पर आए तो मामला हापुड़ का बता दिया गया। नौचंदी थाना प्रभारी संजय कुमार ने बताया कि महिला उनसे नहीं मिली है। यदि वह तहरीर देगी तो मामले में एफआइआर दर्ज कर कार्रवाई होगी।
रामपुर में 14 हजार में बेची बेटी
रामपुर में आठवीं बेटी को पिता ने बेच दिया। एएनएम और आशा के माध्यम से 14 हजार में बिकवा दिया। पत्नी को झांसे में रखकर घर ले गया। भेद खुला तो महिला अस्पताल पहुंची और कलेजे के टुकड़े के लिए शोर शराबा किया। उसके बाद मामला पुलिस तक पहुंचा। अजीमनगर थाना क्षेत्र के रतनुपरा गांव निवासी नबी अहमद खां की पत्नी जेहरा ने तीन जनवरी को जिला महिला अस्पताल में बच्ची को जन्म दिया था। उसकी पहले से सात बेटियां हैं। आठवीं बार भी बेटी होने पर पति मायूस हो गया। वह बच्ची को घर नहीं ले जाना चाहता था। इसी दौरान उसे अस्पताल में पहचान की आशा मिली।
उसने मन की बात बताई। आशा ने वहां एक एएनएम से बात की। एएनएम ने एक ऐसे व्यक्ति की जानकारी दी, जो बच्ची को गोद लेना चाहता था। उसे बुलवाया गया। उसने 14 हजार रुपये देकर बच्ची को ले लिया। पत्नी को बच्ची को बीमार बताते हुए आइसीयू में भर्ती होने की बात कह दी। वह पत्नी को घर ले आया। पत्नी को शक हुआ तो उसने जोर देकर पूछा, जिस पर पति ने बच्ची को किसी अन्य को देने की बात बता दी। वह अपनी बच्ची को लेने के लिए शनिवार को अस्पताल आ गई। हंगामा शुरू कर दिया। उसके रोने-चीखने पर भीड़ इक्कट्ठा हो गई। मामला सीएमएस डॉ. अमिता शर्मा तक पहुंचा।
उन्होंने आशा और एएनएम को बुलाकर हड़काया। इसके बाद बच्ची को वापस मंगाया गया। हंगामे की जानकारी पर शहर कोतवाली पुलिस भी अस्पताल आ गई। महिला, उसके पति, आशा, एएनएम और बच्चा गोद लेने वाले को कोतवाली ले आई। शहर कोतवाल मनोज कुमार ने बताया कि बच्चा देने और लेने वाले पक्ष ने अपने-अपने बयान लिखित दिए हैं। बच्ची उसकी मां को दिलाने के संबंध में महिला सीएमएस की ओर से पुलिस को पत्र दिया गया है।