मानव शरीर के जेनेटिक स्ट्रक्चर में बदलाव से हो सकता है दिल की बीमारी का खतरा
नई दिल्ली: वैज्ञानिकों ने जेनेटिक स्ट्रक्चर में होने वाले ऐसे परिवर्तन पर अध्ययन किया है, जो मांसपेशियों और दिल के विकारों के लिए जिम्मेदार है। लंदन के इम्पीरियल कॉलेज के वैज्ञानिकों ने जेब्रा के समान दिखने वाली एक मछली में डोमेन युक्त ‘पोपाई’ नामक जीन में परिवर्तन का पता लगाया है, जो मांसपेशियों और हृदय के कार्यों को प्रभावित करता है।
ये जीन कुछ ऐसे प्रोटीन का निर्माण करते हैं, जो मांसपेशियों की कोशिकाओं को साथ रखने के लिए महत्वपूर्ण हैं, लेकिन जीन उत्परिवर्तन के वक्त मांसपेशियों की कोशिकाएं कमजोर होकर टूटने लगती हैं।
जीन उत्परिवर्तन को पहली बार इटली के फरारा यूनिवर्सिटी और बीजिंग जियोनॉमिक्स इंस्टीट्यूट के वैज्ञानिकों ने खोजा था। वैज्ञानिकों ने इटली के एक ऐसे परिवार के जेनेटिक स्ट्रक्चर पर अध्ययन किया था, जिसमें परिवार के सभी सदस्य कुपोषण के रोगी थे। इसके अलावा उन्हें ‘कार्डियक एरीथीमिया’ भी था, जिसमें इंसान की दिल की धड़कनें आसामान्य हो जाती हैं।
अध्ययन के मुख्य लेखक थॉमस ब्रैंड ने बताया, “यह एक विशिष्ट प्रकार के जीन का पहला ऐसा उदाहरण है, जो मांसपेशी और हृदय संबंधी दोनों तरह के रोगों के लिए जिम्मेदार है…” यह शोध ‘क्लीनिकल इन्वेस्टिगेशन’ में प्रकाशित हुआ है।