दस्तक टाइम्स एजेन्सी/ हैदराबाद: हैदराबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी के छात्र रोहित वेमूला की खुदकुशी के मामले की न्यायिक जांच के आदेश दे दिए गए हैं। मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा यह आदेश जारी किया गया है और तीन महीने में रिपोर्ट जमा करने के लिए भी कहा गया है। इस बीच यह भी ख़बर आ रही है कि स्मृति ईरानी ने रोहित की मां से मुलाकात की है। इससे पहले छात्रों के दबाव के आगे झुकते हुए हैदराबाद यूनिवर्सिटी ने चार छात्रों का निलंबन वापस ले लिया है, जिन्हें रोहित वेमूला के साथ 17 जनवरी को निलंबित किया गया था।
निलंबन करने वाली कमेटी को लेकर विवाद
निलंबन तो वापस हो गया, लेकिन निलंबन करने वाली कमेटी में किसी दलित की मौजूदगी का मुद्दा तूल पकड़ चुका है। केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा था कि दलित छात्रों पर कार्रवाई करने वाली जांच समिति के अध्यक्ष दलित हैं जबकि एससी एसटी वर्ग के शिक्षक इसे गलत बता रहे हैं। केजरीवाल ने मंत्री के बयान को शर्मनाक बताया तो कांग्रेस ने उन्हें बर्खास्त करने की मांग कर रही है।
सज़ा का समर्थन नहीं किया : प्रोफेसर प्रकाश बाबू
हैदराबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी के एक वरिष्ठ प्रोफेसर प्रकाश बाबू ने मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी के उस दावे को पूरी तरह से खारिज कर दिया है जिसमें मंत्री ने दलित छात्र रोहित वेमुला के निलंबन के फैसले में प्रोफेसर का भी हाथ होने की बात कही थी। गौरतलब है कि रोहित वेमुला ने रविवार को खुदकुशी कर ली थी।
छात्र कल्याण के डीन प्रोफेसर प्रकाश बाबू ने एनडीटीवी को बताया कि ईरानी ने ये गलत कहा है कि मैंने एस कमेटी की अध्यक्षता की थी जिसने बीजेपी के युवा संगठन एबीवीपी के एक छात्र नेता को पीटने के आरोप में रोहित वेमुला और 4 अन्य दलित छात्रों को सजा देने का निर्णय लिया था। प्रोफेसर बाबू ने यहां तक कहा कि उन्हें आखिरी वक्त में कमेटी का हिस्सा बनाया गया था। मैंने कमेटी की चर्चा में हिस्सा लिया था और मैंने यह कहकर निलंबन का विरोध भी किया था कि इससे छात्रों के विकास पर असर पड़ेगा।