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मानसिक क्षमता दुरुस्त रखता है ‘हलासन’


हलासन करने के लिए सर्वप्रथम सीधे पीठ के बल लेट जाइए हाथों को शरीर के बराबर ज़मीन से सटा कर रखिए। पैरों व पंजो को मिला लीजिए। अब धीरे-धीरे दोनों पैरों को 60 डिग्री से 90 डिग्री पर उठाते हुए सिर के पीछे फर्श पर लगा दीजिए। पैरों को बिल्कुल सीधा रखिएगा ।हाथों ज़मीन पर ही सीधा रखेंगे। ठोड़ी को सीने से सटा लीजिए। कुछ देर इसी स्थिति में रुकिये, साँस सामान्य बनाए रखिएगा। अब धीरे से पैरों को घुटनों से सीधा रखते हुए वापस लाइए।
मेरूदंड लचीली होती है। दमा, कफ एवं रक्त सम्बन्धी रोगों के लिए बहुत ही लाभकारी है। मोटापे को दूर करता है। तंत्रिका तंत्र एवं लीवर में बहुत ही लाभकारी है। प्रतिदिन करने से कभी कब्ज नहीं होता। पेट पर चर्बी ख़त्म कर देता है। मानसिक क्षमता को बढ़ाने के लिए बहुत ही उत्तम है। स्त्री रोगों में लाभकारी। थायरायड तथा पैराथायरायड ग्रंथियों को सक्रिय रखता है।

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