मानसिक भ्रम की स्थिति पैदा करती हैं एंटीबायोटिक दवाएं
दस्तक टाइम्स एजेंसी/ न्यूयॉर्क: बैक्टीरियल इंफेक्शन से लड़ने वाली शक्तिशाली एंटीबायोटिक दवाओं का उपयोग करना मानसिक भ्रम की स्थिति का कारण बन सकता है। अमेरिका के शोधाकर्ताओं ने बताया कि एंटीबायोटिक दवाएं दिमाग के काम करने की क्रिया को नुकसान पहुंचा सकती है, जिसे डिलीरियम कहते हैं। डिलीरियम से व्यक्ति में अव्यवस्था और चिंता जैसे विकार विकसित हो जाते हैं।
अमेरिका के बोस्टन स्थित ब्रिघम एंड वूमेन हॉस्पिटल के लेखक शमीक भट्टाचार्य ने बताया कि “जो लोग डिलीरियम बीमारी से पीड़ित हैं, उन्हें कई अन्य प्रकार की समस्याओं का भी सामना करना पड़ सकता है”। इस शोध में 12 तरह की 54 ऐसी एंटीबायोटिक दवाएं शामिल की गई हैं, जो सामान्य तौर पर लोगों द्वारा इस्तेमाल की जाती हैं। इसमें सल्फोनामाइड, सिप्रोफ्लोक्सासिन, सेफेपिमी और पेंसिलीन शामिल हैं।
शोधकर्ताओं ने बताया कि अध्ययन में शामिल 47 प्रतिशत रोगियों में भ्रम, 14 प्रतिशत रोगियों को सीजर्स, 15 प्रतिशत रोगियों को मांसपेशी संबंधी परेशानियां और पांच प्रतिशत रोगियों में शरीरिक गतिविधि नियंत्रण नुकसान पाया गया है। उन्होंने कहा कि इसके अतिरिक्त 70 प्रतिशत रोगियों में ईईजी परीक्षण भी असामान्य पाए गए हैं।
शोधकर्ताओं का कहना है कि मरीजों में यह लक्षण एंटीबायोटिक का सेवन बंद कर देने के बाद भी लंबे समय तक रहने की संभावना है।
यह शोध पत्रिका ‘न्यूरोलॉजी’ में प्रकाशित किया गया है।