मायावती के बनाए स्मारकों में यूपी सरकार ने खुलवाई दुकानें, मायावती बोलीं- वक्त आने पर लेंगे बदला
लखनऊ: उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती द्वारा लखनऊ में बनाए स्मारकों में मौजूदा अखिलेश सरकार ने फिश पार्लर से लेकर मिल्क बार तक खुलवा दिए हैं। उनमें अब दूध बिक रहा है, बिजली का बिल जमा हो रहा है, छेड़खानी की शिकायतें दर्ज हो रही हैं और मेट्रो का डिपार्टमेंट बनने वाला है। इससे नाराज़ मायावती ने कहा है कि वह इसका बदला सूद-ब्याज समेत लेंगी, ताकि कोई दोबारा ऐसी गुस्ताखी न कर सके।
कहीं अक्वेरियम तो कहीं दूध-दही के साथ आइसक्रीम, रसगुल्ला भी बिक रहे
कभी मायावती अपने बंगले से सिर्फ एक किलोमीटर दूर बने स्मारकों का मुआयना हेलीकॉप्टर से किया करती थीं। उनके इस मुआयने के चलते सड़कें धो दी जाती थीं। अब उनके स्मारकों के साथ बनी इमारतों का सरकार ‘समाजवादी’ इस्तेमाल कर रही है। कहीं रंग-बिरंगी मछलियों वाले अक्वेरियम बिक रहे हैं तो कहीं दूध-दही के साथ आइसक्रीम और रसगुल्ला भी। साथ ही 24 घंटे बिल जमा करने की सुविधा भी, लेकिन मायावती को यह सब नागवार गुजरा है।
वक्त आने पर इस पार्टी को ब्याज सहित दिया जाएगा उचित जवाब : मायावती
पूर्व सीएम मायावती कहती हैं, ‘समाजवाद ये नहीं कि यहां बीएसपी की सरकार द्वारा दलितों एवं पिछड़ों के महान संतों, गुरुओं और महापुरुषों के आदर-सम्मान में बनाए गए स्थलों के साथ आए दिन जातिगत व राजनीति द्वेष की भावना से छेड़छाड़ की जाए। मायावती ने कहा है कि इसका उचित जवाब इस बार वक्त आने पर इस पार्टी को ब्याज सहित जरूर दिया जाएगा, ताकि भविष्य में कोई भी विरोधी पार्टी इन स्थलों के साथ किसी भी प्रकार की कोई छेड़छाड़ नहीं कर सके।
रमाबाई अंबेडकर रैली ग्राउंड में बनेगा लखनऊ मेट्रो का डिपो
केवल यही नहीं, जिस रमाबाई अंबेडकर रैली ग्राउंड में मायावती ऐतिहासिक रैलियां किया करती थीं, वहां अब लखनऊ मेट्रो का डिपो बनेगा। उसका एक हिस्सा अंबेडकर यूनिवर्सिटी को स्पोटर्स कॉम्पलेक्स बनाने को भी दिया गया है और अंबेडकर स्मारक के सामने पूर्व सीएम द्वारा बनाई इमारतों में मेट्रो दफ्तर भी खुल गया है। सरकार कहती है कि सब कुछ जनता का है और वो ज्यादा से ज्यादा उनके इस्तेमाल में आना चाहिए।
अखिलेश यादव ने दिया जवाब…
इस मसले पर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव का कहना है कि ‘हम स्मारकों को नहीं, लोगों के लिए जगह बनाते हैं। हमारे पार्क में एक लाख लोग पहुंच गए। बताओ आपके पार्क में कभी एक लाख लोग भी जाएंगे… और जाएंगे तो क्या सुविधा है? और ये तो उन्होंने (मायावती ने) खुद ही स्वीकार किया था कि आने वाली सरकार में हम स्मारक नहीं बनाएंगे… प्रतिमाएं नहीं लगवाएंगे।’