मार्कशीट निकली फर्जी ,नई मुसीबत में फंसे उच्च शिक्षा आयोग के सचिव
दस्तक टाइम्स/एजेंसी
कानपुर: देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश में हर रोज कुछ ऐसे मामले सामने आ जाते हैं जिसे सुनकर काफी आश्चर्य होता है। अब ताजा मामला ही देख लीजिए राज्य के उच्च शिक्षा आयोग के सचिव डॉ.संजय कुमार सिंह की एम.ए. की मार्कसीट ही फर्जी पाई गई है। उनकी इस फर्जी मार्कसीट की जानकारी कानपुर यूनिवर्सिटी ने इलाहबाद हाईकोर्ट को दे दी है। कानपुर यूनिवर्सिटी ने जांच में पाया की संजय कुमार सिंह की एमए की मार्कशीट में हेरफेर किया गया है।फर्जी मार्कशीट के अलावा राज्य सरकार संजय कुमार सिंह के नियुक्ति रिकॉर्ड भी नहीं दे पायी है, जिसके बाद हाई कोर्ट ने रिकॉर्ड को गुरुवार को पेश करने के आदेश दिए हैं। जस्टिस अरुण टंडन और जस्टिस अश्विनी कुमार मिश्रा की अदालत में गुरुवार को फिर सुनवाई होगी। दरअसल, डिग्री कॉलेज में नौकरी के दौरान डॉ. संजय ने जो मार्कशीट (रोल नंबर 60711) जमा की थी, उसमें 479 माक्र्स हैं लेकिन यूनिवर्सिटी में उपलब्ध चार्ट के मुताबिक उन्हें कुल 441 माक्र्स मिले हैं। यानी 38 माक्र्स बढ़ाए गए हैं।डॉ. संजय सिंह ने छत्रपति शाहूजी महाराज यूनिवर्सिटी कानपुर से 1995 में प्राचीन भारत के इतिहास विषय से एमए किया। उन्होंने प्राइवेट एग्जाम दिया और मार्कशीट ली। बाद में मार्कशीट की दूसरी कॉपी जारी हुई, जिस पर रजिस्ट्रार के हस्ताक्षर फर्जी हैं। मामला वर्ष 2008 से चल रहा है। फर्जीवाड़े की शिकायत के बाद विशेष सचिव उच्च शिक्षा ने 23 जुलाई 2008 को डॉ. संजय सिंह की मार्कशीट से संबंधित सत्यापन रिपोर्ट मांगी। तत्कालीन रजिस्ट्रार महेश चंद्र ने पूरे मामले की पड़ताल कराई तो फर्जी मार्कशीट जारी कराए जाने का खुलासा हुआ। पता चला कि 1995 में एमए (प्राइवेट) करने वाले डॉ. संजय सिंह को फस्र्ट ईयर के दौरान 400 में से 193 माक्र्स और सेकेंड ईयर के दौरान 400 में से 248 माक्र्स मिले थे।