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मालदीव ने ठुकराया इंडियन नेवी के मिलन अभ्यास का न्योता

नई दिल्ली। मालदीवियन कोस्ट गार्ड एमसीजी ने मंगलवार को इंडियन नेवी के मिलन अभ्यास न्योते को ठुकरा दिया। हालांकि, मालदीव ने इनकार की वजह नहीं बताई। अभी तक 16 देश अभ्यास मिलन में भाग लेने पर सहमति जता चुके हैं। एडमिरल लांबा ने कहा कि इंडियन आेषियन में चीन की गतिविधियों पर हमारी कड़ी नजर है। भारतीय सेना के 8 से 10 जहाज इंडियन आेषियन में हर वक्त तैनात रहते हैं। इंडियन नेवी मिलन अभ्यास का आयोजन पोर्टब्लेयर में 6 से 13 मार्च तक करेगी। इसमें भारत समेत 17 देशों की नेवी हिस्सा लेंगी। बता दें कि मालदीव संवैधानिक संकट से जूझ रहा है। वहां बीते 5 फरवरी से इमरजेंसी लागू है।
1995 में शुरू हुए मिलन अभ्यास का मकसद पूर्वी एशिया और दक्षिण पूर्व एशिया की नौसेनाओं के दोस्ताना संबंधों को बढ़ावा देना है। यह भारत प्रशांत क्षेत्र में हमारे पड़ोसी देशों की सुरक्षा और स्थिरता के लिए हमारी प्रतिबद्धता को दिखाता है। समुद्री क्षेत्र में स्थिरता और समुद्री मार्गों से कारोबार को देखते हुए यह अभ्यास काफी अहम है। पश्चिमी क्षेत्र में समुद्री मार्गों की सुरक्षा की अहमियत पहले से हैए लेकिन मलक्का स्ट्रैट से होकर भी भारत का बड़ा कारोबार होता है। इस लिहाज से मिलन एक्ट ईस्ट पॉलिसी का प्रमुख स्तंभ है। इस बारगैरकानूनी समुद्री गतिविधियों से निपटने के लिए क्षेत्रीय सहयोग पर फोकस रहेगा। रीजनल पार्टनरों की कॉम्बैट स्किल्स को भी परखा जाएगा। राहत एवं बचाव कार्यों और जहाजों की छानबीन के तौरण्तरीकों को भी जांचा जाएगा।द क्षेत्रीय नौसेनाओं को आपसी मेलजोल बढ़ाने और ऑपरेशनल अनुभव साझा करने का अवसर मिलता है। इस दौरान सेमिनार और टेबल टॉप एक्सरसाइज में सुरक्षा से जुड़े मुद्दों पर रिस्पांस की रणनीति भी तय होगी।
वहीं अनुमान लगाया जा रहा है कि मालदीव ने देश में चल रहे संवैधानिक संकट के कारण भारत का न्योता ठुकराया है। मालदीव के प्रसीडेंट अबदुल्ला यमीन ने वहां 5 फरवरी से इमरजेंसी लागू कर रखी है। वहीं, एक वजह यह भी हो सकती है कि मालदीव में इमरजेंसी की अवधि 15 से बढ़ाकर 30 दिन करने पर भारत ने इसे असंवैधानिक करार दिया था। इसके जवाब में मालदीव ने कहा था कि भारत हकीकत को तोड़मरोड़ कर पेश कर रहा है। ये हमारे संविधान और कानून की अनदेखी है।

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