नई दिल्ली : बॉम्बे हाईकोर्ट ने 2008 के मालेगांव धमाके में साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर को जमानत दे दी है। वहीं इस मामले में कर्नल पुरोहित को जमानत देने से कोर्ट ने इंकार कर दिया है।
साध्वी प्रज्ञा को कोर्ट ने सशर्त जमानत दे दी है। कोर्ट ने साध्वी प्रज्ञा को अपना पासपोर्ट जमा कराने का भी निर्देश दिया है। इसके पहले जांच एजेंसी एनआईए साध्वी प्रज्ञा को अपनी जांच में क्लीन चिट दे चुकी है।
एनआईए का कहना है कि साध्वी प्रज्ञा के खिलाफ मुकदमा चलाने लायक सबूत नहीं है। ट्रायल कोर्ट साध्वी की जमानत की खारिज कर चुकी है। ट्रायल कोर्ट ने अभी तक मकोका हटाने पर कोई फैसला नही दिया है।एनआईए के मुताबिक- जिस मोटर साइकिल की वजह से साध्वी को आरोपी बनाया गया है वह साध्वी के नाम पर थी, लेकिन धमाके के बहुत पहले से फरार आरोपी राम जी कालसांगरा उसे इस्तेमाल कर रहा था।
रिपोर्ट की माने तो आरोपी सुधाकर द्विवेदी से बम प्लांट करने के 2 फरार आरोपी रामजी कालसांगरा और संदीप डांगे को मिलाने और उसके जरिये कर्नल पुरोहित से आरडीएक्स मंगाने के लिए कहने का बयान देने वाले गवाह अपने पुराने बयान से मुकर चुके हैं।
रिपोर्ट में इस बात का जिक्र है कि इस मामले पर मकोका लागू नहीं होता है इसलिए उनका पहले वाला इकबालिया बयान अदालत में सबूत नहीं माना जाएगा।