मिला जीत का बडा मंत्र यूपी में भाजपा को प्रचंड बहुमत मिलना तय

नई दिल्ली। चुनाव आयोग जल्द ही उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव की घोषणा करने वाला है। ऐसे में सभी दल वोटरों को लुभाने की कोशिश में लगे हुए हैं। एक ओर सपा और कांग्रेस विकास की बात कर रही हैं तो दूसरी ओर बसपा सुप्रीमो मायावती कानून व्यावस्था के नाम पर सरकार को घेर रही हैं। मगर इन सब से इतर भाजपा कहीं न कहीं कुछ ऐसा करने की फिराक में है जिससे अयोध्या में राम मंदिर आन्दोलन को फिर से खड़ा किया जा सके
भाजपा वोटरों को अपने पाले में लेने के लिए यूपी में सड़क योजनाओं की झड़ी लगा सकती है। केंद्र में सत्ताधारी पार्टी बीजेपी की नजर अयोध्या पर है। भाजपा आयोध्या और आस-पास के इलाके के विकास के लिए योजनाओं का पिटारा खोल सकती है।
21 दिसंबर को केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी 84 कोसी परिक्रमा रूट के लिए 275 किमी की टू लेन रोड की घोषणा कर सकते हैं, जिसकी लागत 750 करोड़ के आसपास होगी। ये रोड बस्ती, गोरखपुर, बलरामपुर, श्रावस्ती, बहराइच और फैजाबाद जिलों को जोड़ेगी।
गडकरी का उत्तर प्रदेश दौरा काफी अहम माना जा रहा है। इस दौरान वे कई सड़क परियोजनाओं की घोषणा कर सकते हैं। इसमें प्रतापगढ़ से इलाहाबाद बाईपास रोड, इलाहाबाद से उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश की सीमा तक फोर लेन रोड शामिल है। इसके साथ ही ये उम्मीद भी की जा रही है कि गडकरी जगदीशपुर से फैजाबाद के लिए सड़क की घोषणा कर सकते हैं।
राम मंदिर मुद्दा बीजेपी के लिए अहम है और मतदाताओं से जुड़ा हुआ है और 84 कोसी परिक्रमा रूट बनने से चुनावों में बीजेपी को फायदा हो सकता है। हर साल हजारों साधू देश के अलग-अलग कोनों से 84 कोसी परिक्रमा करने के लिए आते हैं।
हालांकि साल 2012 के पिछले चुनावों में बीजेपी अयोध्या विधानसभा सीट हार चुकी है और इस पर समाजवादी पार्टी का कब्जा है। साल 2014 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी के लल्लू सिंह ने फैजाबाद सीट पर जीत हासिल की थी।
इस मामले पर पार्टी के कुछ नेताओं का मानना है कि बीजेपी ने अयोध्या और इसके आस-पास के इलाकों में विकास नहीं कराया और यही पार्टी की हार की सबसे बड़ी वजह है। इस मामले पर लल्लू सिंह का कहना है कि राम मंदिर बनने से पहले इलाके का विकास जरूरी है। शायद इन्ही बातों को ध्यान में रखते हुए पार्टी इलाके में पहले विकास की नींव रख रही है।