नई दिल्ली: मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान के विधानसभा चुनावों में हार के बाद बीजेपी ने 2019 के लिए नई रणनीति के तहत काम करने का फैसला किया है। 2019 चुनाव में इन तीन राज्यों समेत यूपी, महाराष्ट्र और बिहार से होने वाले नुकसान की भरपाई करने के लिए बीजेपी ने उन सीटों पर कमर कसने की तैयारी की है, जहां पार्टी कमजोर है। 2019 के लिए बीजेपी की नजर अब दक्षिण और पूर्वोत्तर के राज्यों पर है। पूर्वोत्तर के राज्यों में कांग्रेस की जमीन उखड़ चुकी है। ऐसे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जनवरी के आखिर तक दक्षिण-पूर्व की 122 सीटों को कवर करती हुई दो दर्जन से अधिक रैलियां करेंगे। बीजेपी का लक्ष्य केरल, पश्चिम बंगाल, ओडिशा, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, असम और पूर्वोत्तर राज्यों में ज्यादा से ज्यादा सीटें हासिल करने का है, ताकि लोकसभा चुनाव में अगर कुछ राज्यों में सीटें कम भी होती हैं तो उसकी भरपाई दक्षिण-पूर्वोत्तर राज्यों की जीत से पूरी हो सके।
बीजेपी अध्यक्ष ने मिशन 2019 को पूरा करने के लिए नई रणनीति पर काम शुरू कर दिया है। पार्टी का मानना है कि तीन राज्यों में भले ही पार्टी की हार हुई है, लेकिन वहां की जनता का भी विश्वास मोदी जी पर कायम है। ये भी तय हुआ कि पीएम मोदी 2019 चुनाव से पहले एक बार फिर 2013-14 वाले आक्रामक रूप में नजर आएंगे। पार्टी सूत्रों ने कहा कि अगले हफ्ते से वह (पीएम मोदी) उन क्षेत्रों में सीटों को कवर करने के लिए रैलियों को संबोधित करेंगे, जहां बीजेपी ने कभी जीत दर्ज नहीं की है। ये सीटें मुख्य रूप से दक्षिण भारत, ओडिशा, पश्चिम बंगाल, असम और पूर्वोत्तर में स्थित हैं। इस लिस्ट में आंध्र प्रदेश और तेलंगाना की दो-दो सीटों, असम की सिल्चर और डिब्रूगढ़ सीट, केरल की 17 से 18 सीटों, तमिलनाडु, ओडिशा और पश्चिम बंगाल की 42 में से 40 सीटों को शामिल किया गया है। इसके अलावा पूर्वोत्तर की उन सीटों को शामिल किया गया है, जहां आज तक भारतीय जनता पार्टी की विजय नहीं हो सकी है। इन राज्यों में कांग्रेस कमजोर है और बीजेपी ने अपनी जमीन मजबूत कर ली है। इसके अलावा ये भी तय हुआ है कि जहां बीजेपी शासित राज्य है वहां भी मोदी सरकार की योजनाओं को ज्यादा फैलाया जाएगा।