जानें 1 सितंबर, 2017, दिन- शुक्रवार का राशिफल
भिंडी बाजार में पाकमोडिया स्ट्रीट स्थित हुसैनी इमारत करीब सुबह साढे़ आठ बजे गिरी। जब तक लोग कुछ समझ पाते तब तक एक दर्जनभर परिवार मलबे में दब चुके थे।
चीख-पुकार के बीच स्थानीय लोग जमा हो गए। करीब 8.40 बजे फायर ब्रिगेड के 125 सदस्यीय राहत-बचाव टीम और एनडीआरएफ के 95 जवान मौके पर पहुंचे और मलबे में दबे लोगों को निकालना शुरू कर दिया।
बचाव के दौरान दो दमकलकर्मी भी घायल हो गए। इमारत तीन मंजिला थी जबकि ऊपर की दो मंजिल अवैध तरीके से बनाई गई थी। इस इमारत में करीब 12 फ्लैट थे और भूतल पर 12 कमरे और छह गोदाम बने हुए थे जिसमें 10 से 12 परिवार रह रहे थे। इमारत करीब सौ साल पुरानी बताई गई है। जो जर्जर अवस्था में थी।
इसके बगल की तीन इमारतों को पहले ही गिरा दिया गया था। लेकिन, इसे छोड़ दिया गया था। हुसैनी इमारत की पहली मंजिल पर एक प्ले स्कूल भी था जिसमें करीब 35 छोटे बच्चे पढ़ने आते थे। बच्चे नौ बजे प्ले स्कूल में पढ़ने आने वाले थे लेकिन, उससे पहले ही इमारत ढह गई।
महाराष्ट्र हाऊसिंग डेवलपमेंट अथॉरिटी (म्हाडा) की इस इमारत को 2013 में खतरनाक घोषित किया गया था। मौके पर पहुंचे मुख्यमंत्री फडणवीस ने कहा कि इस इमारत के पुनर्विकास की मंजूरी के साथ मई 2016 में ही इस इमारत को गिराने की अनुमति दी गई थी।
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कुछ लोग अपना घर खाली कर दिए थे जबकि कुछ इसमें रह रहे थे। उन्होंने अपर मुख्य सचिव (हाउसिंग) को मामले की जांच के आदेश दिए हैं। उन्होंने कहा है कि पुनर्विकास में कोताही बरतने वाले के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
बाल-बाल बच गया दाऊद का परिवार
हुसैनी इमारत से सटी इमारत में भगोड़े डॉन दाऊद इब्राहिम के भाई इकबाल कासकर का परिवार भी रहता था। लेकिन, कासकर का परिवार इस हादसे में बाल-बाल बच गया। इकबाल ने बताया कि जब हुसैनी इमारत गिरी तब वह अपने परिवार के साथ घर में मौजूद था। इसके बाद परिवार को लेकर नीचे आ गया और घर खाली कर दिया।