मुंबई यात्रा में न भूलें इन जगहों को..
भारत की आर्थिक राजधानी मुंबई फिल्मी हस्तियों और अपने उद्योगों के लिए विश्वभर में विख्यात है। गेटवे ऑफ इंडिया, होटल ताज, छत्रपति शिवाजी टर्मिनस, जुहू चौपाटी जैसी जगहें यहां आने वाले सैलानियों के लिए मुख्य आकर्षण का केंद्र रही हैं। लेकिन आज हम इन जगहों के बारे में चर्चा नहीं करेंगे बल्कि उन जगहों के बारे में बताएंगे जिसके बारे में शायद आप अंजान हैं।
एलिफेंटा की गुफाएं-मुंबई के समुद्र तट से करीब दस किलोमीटर दूरी पर स्थित एलिफेंटा की गुफाएं विश्वविख्यात हैं। एलिफेंटा की गुफाएं सात गुफाओं का सम्मिश्रण हैं जिनमें पांच हिंदू और दो बौद्ध गुफाएं हैं। गुफाओं में चट्टानों को काट कर पौराणिक देवताओं की अत्यन्त भव्य मूर्तियां बनाई गई है। इन मूर्तियों में त्रिमूर्ति शिव की मूर्ति सर्वाधिक लोकप्रिय है। इसके अलावा इन गुफाओं में शिल्पर कला के कक्षो में अर्धनारीश्वर, कल्यौण सुंदर शिव, अंधकारी मूर्ति और नटराज शिव की उल्लेखनीय छवियां दिखाई गई हैं। मुंबई के इस प्राचीनतम स्थल को विश्व धरोहर में शुमार किया गया है।
काला घोड़ा- काला घोड़ा जिसे हम मुंबई कलचर्ल सेंटर के नाम से भी जानते हैं अपनी आर्ट गैलरी और संग्राहलय के लिए प्रसिद्ध है। अगर आपके अंदर कला को लेकर थोड़ी बहुत भी दिलचस्पी है तो यह जगह आपके लिए उपयुक्त है। यहां हर साल फरवरी महीने में काला घोड़ा एसोशियसन की तरफ से काला घोड़ा आर्ट फेस्टीवल का आयोजन किया जाता है जो काफी रोचक होता है।
कोलाबा कॉजवे-मुंबई पहुंचकर आपने खरीदारी का मन बनाया है तो कोलाबा कॉजवे आपके लिए सही जगह है। यह जगह स्ट्रीट शॉपिंग के लिए पूरे मुंबई में प्रसिद्ध है। मुंबई के चोर बाजार के नाम से चर्चित कोलाबा कॉजवे में आपको फैशन के साजो समान, कपड़े और सजावट के हर समान सही दाम पर उपलब्ध हो जाएंगे।
महालक्ष्मी धोबी घाट-मुंबई की एक ऐसी जगह जहां पिछले कई सालों से बड़े ही पारंपरिक तरीके से हजारों लोगों के कपड़े धोए जाते हैं। खुले आसमान में धोबीघाट पर लोगों को कपड़े थोते देखना हमेशा ही एक अविस्मरणीय झलक रहा है। महालक्ष्मी धोबी घाट मुंबई शहर के बीचोंबीच स्थित है। इस धोबीघाट में काम करने वाले लोग आसपास की कॉलोनियों में रहते हैं और तड़के सुबह चार बजे से ही अपने काम में लग जाते हैं।
डब्बावाला- सालों से मुंबई के कार्यालयों में लंचबॉक्स की सेवा देते मशहूर डब्बावाला ‘सप्लाई चैन मैनेजमेंट’ का एक बेहतरीन नमूना है। ये ऐसे लोगों का समूह है जो मुंबई शहर में काम कर रहे सरकारी और गैर-सरकारी कर्मचारियों को दोपहर का खाना कार्यस्थल पर पहुंचाने का काम करता है। इस काम में हजारों लोग लगे हुए है जो रोजाना करीब 2 लाख लोगों को लंचबॉक्स की सेवा प्रदान करता है। यह अनूठा कॉंसेप्ट ब्रिटिश काल से ही चला आ रहा है, जहां पहले ब्रिटिश शासकों को यह सेवा दी जाती थी। अगर आपको इन डब्बेवालों का हुजूम देखना है तो आप दक्षिण मुंबई के चर्चगेट जा सकते हैं।