मुख्यमंत्री का ओएसडी बताने वाले सगे भाई गिरफ्तार
लखनऊ। जालसाजों ने ठगी के लिए इस बार सूबे के मुख्यमंत्री के नाम का प्रयोग किया। जालसाज मुख्यमंत्री का ओएसडी बताकर कई अधिशासी अभियन्ता, कई जिले के जिलधिकारियों को फोन कर उनके खिलाफ शिकायत आने की बात कहते थे। डरे अधिकारी मामले को मैनेज कराने के लिए जालसाजों की बातों में फंस जाते थे। जिसके बाद जालसाज उनसे मोटी रकम ऐंठ लेते थे। बीते महीने जालसाजों ने लोक निर्माण विभाग के अधिशासी अभियन्ता को फोन कर शिकायत आने की बात कही थी। साथ ही मामले को मैनेज करने के लिए जालसाजों ने मोटी रकम की मांग की। आशंका होने पर अभियन्ता ने हजरतगंज पुलिस को इसकी सूचना दी। सूचना के बाद सर्विलांस सेल और हजरतगंज पुलिस ने जालसाजों को गिरफ्तार कर लिया है। सीओ हजरतगंज राजेश श्रीवास्तव ने बताया कि मूल रूप से इटावा के सावितगंज निवासी सगे भाई मोहम्मद हनीफ उर्फ आलमगीर उर्फ आलम और अमान उल्ला को गिरफ्तार किया गया है। उन्होंने बताया कि नौ सितम्बर को अमेठी के लोक निर्माण विभाग के अधिशासी अधियन्ता एके मिश्रा ने एक अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज कराया गया था। जिसमें उन्होंने बताया था कि एक व्यक्ति फोन कर मुख्यमंत्री का ओएसडी बताया और शिकायत आने की बात कही। जिसे मैनेज करने के लिए रुपयों की मांग की। डरे अधिशाासी अभियन्ता ने जालसाजों के खाते में डेढ लाख रुपया भेज दिया था। जिसके बाद जालसाज और रुपयों की मांग करने लगे। आशंका होने पर अधिशासी अभियन्ता एके मिश्रा ने हजरतगंज थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई। मामले की जांच में सामने आया कि उक्त नम्बर फर्जी आईडी पर लिया गया है। जांच कर रही पुलिस ने जालसाजों के बारे में छानबीन की तो दोनों की लोकेशन ट्रेस हो गयी, जिसके बाद पुलिस ने दोनों भाईयों को गिरफ्तार कर लिया।