देवप्रयाग, टिहरी: मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने देवप्रयाग ब्लॉक के जामणीखाल में कृषि सहायता ऋण मेला व नैखेरी महाविद्यालय में शौर्य दीवार का अनावरण किया। उन्होंने देवप्रयाग विधानसभा क्षेत्र में 60 करोड़ की योजनाओं का शिलान्यास किया, जबकि प्रतापनगर से टिहरी जोड़ने वाले डोबरा-चांटी पुल के लिए 86 करोड़ की घोषणा की। वहीं परिवहन निगम की देवप्रयाग जाखणीधार बस सेवा फिर से शुरू करने की घोषणा की। उन्होंने राजकीय महाविद्यालय नैखरी में विज्ञान संकाय और फर्नीचर और पुस्तकें देने और बगवान पंपिंग योजना के पुनर्गठन की घोषणा की।
मुख्यमंत्री ने 3 करोड़ 10 लाख के कृषि सहायता ऋण के चेक लाभर्थियों को बांटे। जामणीखाल में आयोजित कृषि ऋण मेले में मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेशवासियों को टेलीमेडिसिन के माध्यम से स्वास्थ्य सेवा प्रदान की जा रही है। कहा कि देश मे उत्तराखंड पहला राज्य होगा, जहां टेलीकार्डियोलॉजी की शुरुआत इसी माह से होगी। कृषि मंत्री सुबोध उनियाल ने कहा की 17 वर्ष में इतना बजट नहीं मिला जितना सरकार ने एक वर्ष में दिया है। तीन साल में कृषि क्षेत्र में उत्तराखंड नई बुलंदियों को छुएगा। विधायक कण्डारी ने 25 सूत्रीय ज्ञापन सौपते हुए मुख्यंमंत्री को देवप्रयाग संगम पर पूर्ण सुरक्षा, गैस एजेन्सी, तहसील भवन निर्माण, देवप्रयाग भगीरथी के पास मैरीनड्राइव खोलने रणसोलीधार में जिलासहकारी बैक खोलने आदि की मांग की।
इस अवसर पर जिलाधिकारी सोनिका, एसएसपी विमला गुंज्याल, एसडीएम नुपर वर्मा, उच्चशिक्षामंत्री डॉ धन सिंह रावत, विधायक टिहरी धन सिंह नेगी, जिला पंचायत अध्यक्ष सोना सजवाण, जिलाध्यक्ष संजय नेगी, जिला महामंत्री विनोद रतूड़ी,ब्लाक प्रमुख जयपाल पंवार मंडलाध्यक्ष जेपी चन्द नगराध्यक्ष शशी ध्यानी रजनीश मोतीवाला, रेखा भट्ट, कविता पंचपुरी, सुभंगी आदि मौजूद थे।
एक किमी पैदल चलकर चंद्रबदनी पहुंचे सीएम
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत सिद्धपीठ चन्द्रबदनी पहुंचकर प्रदेश की सुख- समृद्धि के लिए पूजा अर्चना की। मुख्य पुजारी पंडित शिवप्रसाद भट्ट और पुरोहित हरीश सेमल्टी द्वारा पूजा संपन्न करायी गई। मुख्यमंत्री हेलीकॉप्टर से उखरैयाली हेलीपैड पर उतरे, जहां से वे एक किमी पैदल चलकर चन्द्रबदनी मन्दिर पहंचे। चन्द्रबदनी दर्शन के बाद राजकीय महाविद्यालय चन्द्रबदनी नेखरी में पहुंचे मुख्यमंत्री ने शौर्य दीवार का अनावरण किया।
आधा-आधूरी दिखी तैयारी
आयोजन स्थल जामणीखाल रणखेत में सुरक्षा व जनसुविधाओं की आधा अधूरी तैयारी दिखाई दी। सुरक्षा के लिये यहाँ खेत मे मेटलडिटेक्टर तो लगाया, लेकिन पर्याप्त सुरक्षा नहीं थी।