लखनऊ। प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने विधानसभा के तिलक हाल में जिलों के पुलिस अधीक्षकों , रेंज के डी आई जी तथा जोन के आई जी आदि के साथ पिछले दिनों बिगड़ी कानून व्यवस्था को लेकर बैठक की और अधिकारियों की लापरवाही और कार्य ठीक ढग से न करने पर डांट लगायी। श्री यादव ने जिलों के पुलिस अधीक्षकों से कहा कि यदि अपराधियों के खिलाफ तुरंत कार्यवाही न की गयी तो उन लोगों को दंडित किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने जिलों में अपराधिक घटनाओं के बाद कार्यवाही को लेकर समीक्षा की और अधिकारियों से सचेत होने की सलाह दी । पुलिस महानिदेशक ए एल बनर्जी ने कहा कि पुलिस महानिदेशक कार्यालय की ओर से निर्देश भेजे गए थे कि जिलों के पुलिस अधीक्षक अपराधिक घटनाओं के बाद तुरंत घटनास्थल पर जाएगें और पीड़ित पक्ष से मिलकर तुरंत रिपोर्ट दर्ज करने के बाद अपराधियों के खिलाफ कार्यवाही की जाएगी । उसके बाद तत्काल घटना और कार्यवाही की जानकारी डी जी पी कार्यालय को देंगे। श्री बनर्जी ने कहा कि इस आदेश के बाद भी उसका ठीक ढग से पालन नही किया गया। बहुत से पुलिस अधीक्षकों ने घटना की सूचना उन्हें देर से दी और कार्यवाही के बारे में भी अवगत नही कराया। उन्होने इस बात पर भी अफसोस जाहिर किया कि घटनास्थल पर जिलों के पुलिस अधीक्षक एवं अन्य अधिकारी देर से पहुंचते हैं। श्री बनर्जी ने कहा कि पीड़ित पक्ष और आम जनता से पुलिस अधिकारियों का व्यवहार ठीक नही था। अधिकारियों से कहा गया है कि वह जनता के साथ अच्छा व्यवहार करें। कानून व्यवस्था को लेकर हुई बैठक में बदायूं मे दो किशोरियों की मौत और दुराचार का मामला छाया रहा । इस बैठक में नोएडा कांड तथा मुजफ्फरनगर में भाजपा नेता की हत्या का मामला भी गूंजा। पुलिस महानिदेशक ने माना कि पुलिस को सूचना समय से नही मिली और जिला पुलिस ने अपराधियों के खिलाफ तुरंत कार्यवाही नही की जिससे लोगों में आक्रोश बढ़ा। पुलिस ने इस केस पर ठीक ढग से कार्यवाही नही की। पुलिस अधिकारियों में संवेदनशीलता की कमी रही। पुलिस महानिरीक्षक कानून व्यवस्था ए के सेंगर ने समीक्षा बैठक के बारे में बताया कि बैठक में मुख्यमंत्री ने भ्रष्टाचार पर कहा कि जो अधिकारी भ्रष्टाचार में लिप्त पाया जाएगा उसे कड़ा दंड दिया जाएगा। इस बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि साइबर क्राइम रोकने के लिए पुलिस अधिकारियेां को विशेष प्रशिक्षण दिया जाए। अधिकारियों से कहा गया कि वह लोग अपराधिक घटनाओं की विवेचना छह से नौ माह में पूरी करदें। पुलिस महानिदेशक ने जिलों के अधिकारियों से कहा कि वह लोग अपने जिलों में दंगे से निपटने के लिए बनी कमेटी की समीक्षा करें पुलिस लाइन में रखे उपकरणों का प्रयोग किया जाए। पुलिस गश्त और पिकेट डयूटी को ठीक ढग से कराया जाए। थाना दिवस की जगह सदभावना दिवस के अवसर पर अधिकारी जाएं ओैर केसो के निस्तारण मं विशेष रूचि लें। राष्ट्रीय सुरक्षा कानून और गैगस्टर के तहत अपराधियों पर कार्यवाही की जाए। अधिकारी और पुलिस कर्मी अपनी पूरी डयूटी में आएं। बहुत से केसों के सी आर पी सी के तहत होने वाले बयान देने के बाद अक्सर गवाह अदालत में अपना बयान बदल लेते हैं।इसके लिए सी आर पी सी की धारा 166 के तहत बयान होना चाहिये। श्री बनर्जी ने अधिकारियों से कहा कि वह अपने जिलों में जेलो का नियमित निरीक्षण करें और अपराधियों के जेेल से छूटने की सूचना रखें।