मुख्यमंत्री ने जनपद सिद्धार्थनगर में निर्माणाधीन स्वशासी राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय का किया निरीक्षण
लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज जनपद सिद्धार्थनगर में निर्माणाधीन स्वशासी राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय का निरीक्षण किया। उन्होंने मेडिकल कालेज की प्रयोशालाओं, मीटिंग हाॅल सहित संस्थान के पूरे परिसर का निरीक्षण किया। उन्होंने मेडिकल काॅलेज के माॅडल का अवलोकन भी किया। निरीक्षण के उपरान्त मुख्यमंत्री ने एक समीक्षा बैठक भी ली। बैठक में उन्होंने निर्देश दिए कि मेडिकल काॅलेज के अपूर्ण कार्यों को तेजी से पूर्ण कराया जाए। 02 सप्ताह के अन्दर सभी आवश्यक सुविधाओं की व्यवस्था करायी जाए। उन्होंने जिलाधिकारी सिद्धार्थनगर को निर्देश दिए कि मेडिकल काॅलेज के निर्माण कार्याें की प्रगति की देख-रेख हेतु एक कमेटी गठित की जाए। यह कमेटी प्रतिदिन निर्माण कार्यों की प्रगति की समीक्षा कर रिपोर्ट प्रस्तुत करे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि संस्थान में सभी सुविधाओं के सम्बन्ध में 2-3 दिन के अन्दर शासन स्तर पर प्रस्ताव उपलब्ध करा दिए जाएं, जिससे समय से कार्यवाही की जा सके। उन्होंने कहा कि मेडिकल काॅलेज में लैब, पुस्तकालय आदि की बेहतर व्यवस्था होनी चाहिए। मरीजों के रजिस्ट्रेशन सहित विभिन्न सुविधाएं डिजिटल माध्यम से उपलब्ध कराने की व्यवस्था होनी चाहिए। मरीजों के तीमारदारों के लिए अच्छा रैन बसेरा बनाया जाए। भोजन हेतु कैण्टीन की व्यवस्था भी सुनिश्चित की जाए।
बैठक में मुख्यमंत्री को अवगत कराया गया कि मेडिकल काॅलेज 120 क्षमता का ब्वाॅयज हाॅस्टल, इतनी ही क्षमता का गल्र्स हाॅस्टल तथा 40 क्षमता का नर्सेस हाॅस्टल बन गया है। इनके फिनिशिंग का कार्य चल रहा है, जिसे एक सप्ताह में पूर्ण करा लिया जाएगा। मेडिकल काॅलेज में लिफ्ट की टेस्टिंग चल रही है। बिजली की आपूर्ति के लिए जेनरेटर की व्यवस्था है। पानी की सप्लाई के लिए ओवरहेड टैंक बनाया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि क्षमता बढ़ाकर कार्य की गति में वृद्धि की जाए। उन्होंने मेडिकल काॅलेज में सी0सी0टी0वी0 कैमरे की व्यवस्था किए जाने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री को बैठक में यह भी अवगत कराया गया कि जनपद सिद्धार्थनगर में कोविड-19 के कुल 10 एक्टिव केस हैं। जनपद की वर्तमान पाॅजिटीविटी रेट मात्र 0.01 प्रतिशत है। जनपद में 06 ऑक्सीजन प्लाण्ट क्रियाशील हैं तथा 04 नए ऑक्सीजन प्लाण्ट स्थापित किए जा रहे हैं। जनपद में पीडियाट्रिक आई0सी0यू0 (पीकू) के 90 बेड तथा 130 ऑक्सीजन सपोर्टेड बेड की व्यवस्था की गई है।
समीक्षा बैठक के पश्चात् मीडिया प्रतिनिधियों को सम्बोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि केन्द्र सरकार के सहयोग से प्रदेश सरकार ने विगत वर्ष राज्य में 08 नए राजकीय मेडिकल काॅलेजों को प्रारम्भ कराया। इन मेडिकल काॅलेजों में छात्रों का प्रवेश प्रक्रिया सम्पन्न कराकर पठन-पाठन प्रारम्भ कराया गया है। नवीन मेडिकल काॅलेजों के संचालन के सम्बन्ध में नेशनल मेडिकल काउन्सिल के अनुमोदन के उपरान्त, प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा जनपद सिद्धार्थनगर के मेडिकल काॅलेज सहित 09 मेडिकल काॅलेजों का लोकार्पण प्रस्तावित है। इसी क्रम में आज उनके द्वारा सिद्धार्थनगर मेडिकल काॅलेज का निरीक्षण किया गया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के 08 आकांक्षात्मक जिलों में सिद्धार्थनगर भी शामिल है। केन्द्र व राज्य सरकार स्थानीय जनप्रतिनिधियों के सहयोग से जनपद में शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि, जल संसाधन आदि क्षेत्रों में विकास का कार्य कर रही है, जिससे इस जनपद को भी अन्य जनपदों की श्रेणी में लाया जा सके।
मुख्यमंत्री ने कहा कि किसी भी बीमारी के इलाज से महत्वपूर्ण, उससे बचाव है। सिद्धार्थनगर जनपदवासियों को मेडिकल काॅलेज के लिए अग्रिम बधाई देते हुए विश्वास व्यक्त किया कि यह मेडिकल काॅलेज मात्र उपचार का केन्द्र नहीं बनेगा, बल्कि यह बचाव व जागरूकता का केन्द्र होगा। उन्होंने कहा कि सत्र 2021-22 में जनपद सिद्धार्थनगर के मेडिकल काॅलेज सहित सभी 09 मेडिकल काॅलेजों में प्रवेश प्रक्रिया प्रारम्भ हो जाएगी। इन सभी मेडिकल काॅलेज का नेशनल मेडिकल काउन्सिल के निरीक्षण एवं अनुमोदन के साथ ही, इन मेडिकल काॅलेजों हेतु नीट के माध्यम से चयनित प्रथम वर्ष के 100 बच्चों के प्रवेश का कार्य प्रारम्भ हो जाएगा। उन्होंने कहा कि इस मेडिकल काॅलेज को प्रारम्भ करने के लिए 300 बेड के हाॅस्पिटल की आवश्यकता थी, जिसे जिला अस्पताल से सम्बद्ध करके पूरा किया जा चुका है। इस मेडिकल काॅलेज में वर्तमान में 300 बेड का नया हाॅस्पिटल बनाया जा रहा है। इस कार्य को पूरा होने पर सिद्धार्थनगर मेडिकल काॅलेज अपनी पूरी क्षमता के साथ कार्य करने लगेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सिद्धार्थनगर मेडिकल काॅलेज के बनने के बाद बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं एवं विशेषज्ञों की सुविधा, जनपदवासियों के अलावा, आस-पास के नागरिकों एवं नेपाल से जुड़े हुए लोगों को भी प्राप्त होंगी। लगभग 30 लाख की आबादी लाभान्वित होगी। उन्होंने कहा कि सिद्धार्थनगर मेडिकल काॅलेज का नामकरण श्री माधव प्रसाद त्रिपाठी, देवरिया मेडिकल काॅलेज का नामकरण देवरहा बाबा, जौनपुर मेडिकल काॅलेज का नामकरण श्री उमानाथ सिंह, गाजीपुर मेडिकल काॅलेज का नामकरण महर्षि विश्वामित्र, प्रतापगढ़ मेडिकल काॅलेज का नामकरण डाॅ0 सोनेलाल पटेल एवं मीरजापुर मेडिकल काॅलेज का नामकरण माँ विन्ध्यवासिनी के नाम पर किया जा रहा है। साथ ही, हरदोई, एटा सहित 09 मेडिकल काॅलेजों में इस वर्ष से प्रवेश प्रारम्भ हो जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि विगत वर्षाें में प्रदेश सरकार द्वारा बस्ती मेडिकल काॅलेज का नामकरण महर्षि वशिष्ठ के नाम पर, अयोध्या मेडिकल काॅलेज का नामकरण राजर्षि दशरथ के नाम पर, बहराइच मेडिकल काॅलेज का नामकरण राजा सुहेलदेव के नाम पर किया जा चुका है। उन्होंने कहा कि भारत सरकार के सहयोग से उत्तर प्रदेश में हेल्थ इन्फ्रास्ट्रक्चर में तीव्र गति से वृद्धि हुई है। पहले चरण में इन्सेफेलाइटिस के प्रभाव को न्यूनतम स्तर पर लाने में सफलता प्राप्त हुई है। इन जिलों में सिद्धार्थनगर भी प्रभावित जनपदों में से एक था।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना महामारी से भारत सहित पूरा विश्व त्रस्त था। लेकिन उत्तर प्रदेश में कोरोना के बेहतरीन प्रबन्धन एवं कोरोना रोकथाम के लिए प्रभावी कार्यवाही का परिणाम आपके सामने है। कोरोना कालखण्ड में इन नए मेडिकल काॅलेजों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभायी है। आज यह मेडिकल काॅलेज सफलतापूर्वक लोगों को स्वास्थ्य सुविधाएं एवं सेवाएं प्रदान कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि बस्ती मण्डल के जनपद बस्ती में एक भी कोविड पाॅजिटिव केस नहीं मिला है। सिद्धार्थनगर जनपद में मात्र 10 एक्टिव केस बचे हैं। यह आंकड़े प्रदर्शित करते हैं कि प्रदेश सरकार की कोरोना के खिलाफ कार्यवाही बेहतर दिशा में आगे बढ़ रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान केन्द्र सरकार ने विगत 07 वर्षों में देश और प्रदेश में स्वास्थ्य सुविधाओं को सुदृढ़ करने का कार्य किया है। प्रदेश में वर्ष 1947 से वर्ष 2016 तक मात्र 12 मेडिकल काॅलेज बने थे। वर्तमान राज्य सरकार द्वारा पिछले वर्ष 08 मेडिकल काॅलेज प्रारम्भ कराए गए। इस सत्र में 09 मेडिकल काॅलेज में एम0बी0बी0एस0 की पढ़ाई प्रारम्भ हो जाएगी। वर्तमान प्रदेश सरकार द्वारा विगत साढ़े चार वर्षाें में राज्य में 14 नए मेडिकल काॅलेज प्रारम्भ करा दिए जाएंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के 16 जनपदों में जहां कोई भी सरकारी अथवा प्राइवेट मेडिकल काॅलेज नहीं हैं, ऐसे जनपदों के लिए राज्य सरकार द्वारा कार्ययोजना तैयार की गयी है। इन जनपदों में पी0पी0पी0 मोड में मेडिकल काॅलेजों का निर्माण किया जाएगा। वर्तमान राज्य सरकार का कार्यकाल पूरा होने तक प्रदेश के प्रत्येक जनपद में एक मेडिकल काॅलेज होगा। प्रधानमंत्री द्वारा गोरखपुर एवं रायबरेली में 02 एम्स प्रदान किए गए हैं। इन दोनों एम्स में विगत सत्र से शिक्षण कार्य भी प्रारम्भ हो चुका है। एम्स विश्वस्तरीय स्वास्थ्य सुविधाओं का एक महत्वपूर्ण केन्द्र होता है। गोरखपुर एम्स में ओ0पी0डी0 कार्य विगत वर्ष ही प्रारम्भ हो चुका है। 1,000 बेड के हाॅस्पिटल के साथ शीघ्र ही इसका निर्माण कार्य पूर्ण हो जाने के बाद प्रधानमंत्री के द्वारा इसका लोकार्पण किया जाएगा।