मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा- वायु प्रदूषण कम करने के लिए सड़क निर्माण में लाएं कमी
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बढ़ते वायु प्रदूषण पर चिंता जताते हुए फिलहाल सड़क निर्माण में कमी लाने के निर्देश दिए हैं। इसके अलावा पराली जलाने, निर्माण कार्यों से होने वाले वायु प्रदूषण और जेनरेटर से होने वाले प्रदूषण पर रोक के लिए प्रभावी कदम उठाने को कहा है। मुख्यमंत्री लोक भवन में शुक्रवार को प्रदेश में वायु प्रदूषण की स्थिति और निवारण के लिए किए जा रहे उपायों की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से वायु प्रदूषण की खराब स्थिति वाले जिलों के डीएम और कमिश्नर से बात कर रोकथाम के निर्देश दिए। योगी ने जिला अधिकारियों से सभी संबंधित विभागों से मदद लेने और शहरों में कूड़े का ठीक से निस्तारण कराने को कहा है। सीएम ने कूड़े को आग लगाकर निस्तारित करने को पूरी तरह से रोकने और उल्लंघन पर कार्रवाई के निर्देश दिए। उन्होंने निर्माणाधीन इकाइयों की ओर से निर्धारित मानकों के अनुपालन पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि कृषि विभाग सुनिश्चित करे कि किसी भी हालत में पराली न जलाई जाए।
नगर विकास विभाग कूड़ा न जलाने दें। सड़क निर्माण की गतिविधि को अभी कम करें और धूल व तारकोल से होने वाले प्रदूषण पर पूरी तरह से लगाम लगाएं। मंडलायुक्त इसकी रोज समीक्षा करें। मुख्यमंत्री ने बागपत, हापुड़, मेरठ, बुलंदशहर, कानपुर, लखनऊ और वाराणसी के डीएम से वायु प्रदूषण की स्थिति के निवारण के लिए उठाए गए कदमों की जानकारी ली।
जल का छिड़काव कर कम करें वायु प्रदूषण
सीएम ने नगरीय क्षेत्रों में जल छिड़काव कर धूल से होने वाले वायु प्रदूषण को कम करने के लिए कहा है। अपने कामों की मीडिया को नियमित जानकारी देने पर जोर दिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस समय प्रदेश के विभिन्न जिलों में डेंगू के मामले सामने आ रहे हैं। इसकी रोकथाम के लिए लोगों को जागरूक किया जाए। प्रभावित क्षेत्रों में फॉगिंग की जाए।
डेंगू पर नियंत्रण के लिए डीएम और सीएमओ बैठक कर आवश्यक कदम उठाएं। डीएम को रैन बसेरे चालू करने के निर्देश देते हुए कहा कि मजदूर और अन्य लोग फुटपाथ पर न सोएं। धान क्रय केंद्रों के संचालन की समीक्षा के भी निर्देेश दिए। इस अवसर पर प्रमुख सचिव वन एवं पर्यावरण कल्पना अवस्थी ने प्रदेश में वायु प्रदूषण की स्थिति एवं निवारण के लिए किए जा रहे उपायों के संबंध में एक प्रस्तुतीकरण दिया।