लखनऊ

मुख्य न्यायाधीशों का सम्मेलन विश्व एकता के लिए वरदान है : योगी आदित्यनाथ

अन्तर्राष्ट्रीय मुख्य न्यायाधीश सम्मेलन का उद्घाटन एवं न्यायविदों, कानूनविदों व अन्य प्रख्यात हस्तियों का स्वागत


लखनऊ : सिटी मोन्टेसरी स्कूल, लखनऊ के तत्वावधान में आयोजित हो रहे 19वें अन्तर्राष्ट्रीय मुख्य न्यायाधीश सम्मेलन का भव्य उद्घाटन आज प्रातः सी.एम.एस. कानपुर रोड आॅडिटोरियम में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया जबकि उद्घाटन समारोह की अध्यक्षता प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित ने की। इस अवसर पर 71 देशों से पधारे प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति, गवर्नर-जनरल, पार्लियामेन्ट के स्पीकर, न्यायमंत्री, इण्टरनेशनल कोर्ट के न्यायाधीश, मुख्य न्यायाधीश, न्यायाधीश व कानूनविदों की उपस्थिति ने समारोह की गरिमा में चार-चाँद लगा दिये। इस ऐतिहासिक अवसर पर सी.एम.एस. छात्रों ने विश्व के ढाई अरब बच्चों की ओर से ‘चिल्ड्रेन्स वर्ल्ड पार्लियामेन्ट’ की अनूठी प्रस्तुति से बच्चों के अधिकारों की आवाज बुलन्द की तो वहीं दूसरी ओर देश-विदेश से पधारे प्रख्यात न्यायविदों व क़ानूविदों ने अपने सारगर्भित सम्बोधन में सी.एम.एस. के 57 हजार छात्रों की अपील का पुरजोर समर्थन किया।

विदित हो कि सिटी मोन्टेसरी स्कूल के तत्वावधान में ‘विश्व के मुख्य न्यायाधीशों का 19वाँ अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलन’ 16 से 20 नवम्बर तक सी.एम.एस. कानपुर रोड आॅडिटोरियम में आयोजित किया जा रहा है।
इस ऐतिहासिक सम्मेलन के उद्घाटन अवसर पर बोलते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि मुख्य न्यायाधीशों का यह अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलन विश्व एकता के लिए वरदान है, जो अवश्य ही अपने उद्देश्य में सफल होगा। मैं राज्य की 23 करोड़ जनता और सरकार की ओर से आप सबका स्वागत करता हूँ। वसुधैव कुटुम्बकम की भावना हमारे संविधान के आर्टिकल 51 में निहित है, जिसमें विश्व शान्ति के लिए महत्वपूर्ण प्रावधान है। बच्चों को शान्तिपूर्ण माहौल उपलब्ध कराना हम सबकी नैतिक जिम्मेदारी है। भावी पीढियों का भविष्य सुरक्षित करना हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए। इस दिशा में यह सम्मेलन महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन करेगा। उन्होंने इस आयोजन के लिए सी.एम.एस. की भूरि-भूरि प्रशंसा की। समारोह की अध्यक्षता करते हुए प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष श्री हृदय नारायण दीक्षित ने कहा कि हमारे पूर्वजों के मस्तिष्क में विश्व एकता व विश्व शान्ति हमेशा से महत्वपूर्ण रही है। हम सदैव से ही इस दिशा में प्रयासरत रहे हैं और इस सम्मेलन से इस प्रयास को बल मिलेगा। हमें गर्व है कि हमारे संविधान निर्माताओं ने अनुच्छेद 51 का निर्माण किया जिसमें अन्तर्राष्ट्रीय शान्ति व एकता का प्रावधान है।


उद्घाटन समारोह के उपरान्त सायंकालीन सत्र में 71 देशों से पधारे प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति, गवर्नर-जनरल, पार्लियामेन्ट के स्पीकर, न्यायमंत्री, इण्टरनेशनल कोर्ट के न्यायाधीश एवं 370 से अधिक न्यायविदों, कानूनविदों व विश्वविख्यात शान्ति संगठनों के प्रतिनिधियों के सम्मान भव्य ‘स्वागत समारोह’ का आयोजन सी.एम.एस. कानपुर रोड परिसर में किया गया। मुख्य अतिथि के रूप में पधारे भारत सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री, जे. पी. नड्डा दीप प्रज्वलित कर स्वागत समारोह का विधिवत् शुभारम्भ किया जबकि समारोह की अध्यक्षता लखनऊ की मेयर संयुक्ता भाटिया ने की। इस अवसर पर श्रीमती भाटिया साउथ सूडान के सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति चैन रीक मादुत को ‘लखनऊ शहर की चाबी’ भेंटकर सम्मानित किया। इसके अलावा, मुख्य अतिथि जे. पी. नड्डा ने थाईलैण्ड की राजकुमारी डा. माॅम लुआंग राजदर्शी जयंकुरा को ‘होप आॅफ ह्यूमैनिटी अवार्ड’, ग्रेट ब्रिटेन की संसद सदस्या हेलना एन केनेडी को ‘लार्ड बुद्धा अवार्ड’ एवं फेडरेशन आॅफ वर्ल्ड पीस एण्ड लव, ताईवान के प्रेसीडेन्ट डा. हांग टो टेज को ‘महात्मा गाँधी अवार्ड फॅार प्रमोटिंग वर्ल्ड पीस’ प्रदान कर सम्मानित किया। इस अवसर पर जहाँ एक ओर सी.एम.एस. छात्रों ने देश-विदेश की इन प्रख्यात हस्तियों के सम्मान में रंगारंग शिक्षात्मक-साँस्कृतिक कार्यक्रमों की इन्द्रधनुषी छटा बिखेर कर अनेकता में एकता का अभूतपूर्व प्रदर्शन किया।


स्वागत समारोह में बोलते हुए मुख्य अतिथि जे. पी. नड्डा ने कहा कि हमारा संविधान सिर्फ अपने देश को ही नहीं अपितु सारे विश्व को एकता, शान्ति व सौहार्द से मिलजुलकर रहने को प्रेरित करता है। उन्होंने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि विश्व में एकता व शान्ति स्थापित करने एवं बच्चों की आवाज को बुलन्द करने का सी.एम.एस. का यह प्रयास बहुत ही प्रशंसनीय है। लखनऊ की महापौर संयुक्त भाटिया ने अपने अध्यक्षीय संबोधन में कहा कि मानव के ज्ञान, रचनात्मकता एवं क्षमता से एक शान्तिपूर्ण विश्व की स्थापना निश्चित रूप संभव है, बस जरूरत इस बात की है कि इस उद्देश्य हेतु ईमानदारी व खुले दिल से प्रयास किया जाए। अन्तर्राष्ट्रीय मुख्य न्यायाधीश सम्मेलन के अन्तर्गत आज विभिन्न देशों से पधारे न्यायविदों, कानूनविदों व अन्य प्रख्यात हस्तियों के बीच विचार-विमर्श व परिचर्चा का दौर चला। माॅरीशस की पूर्व राष्ट्रपति अमीना गुरीब फाकिम ने कहा कि सिटी मोन्टेसरी स्कूल के बच्चों की अपील यहाँ उपस्थित सभी के हृदयों को छूती हैं, हमें इनकी आवाज को नजरअन्दाज नहीं करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि क्रान्तियाँ भीड़ से नहीं आती हैं, एक प्रभावशाली विचार से ही क्रान्ति उत्पन्न हो जाती है। ग्रेट ब्रिटेन की सांसद हेलेना एन्न केनेडी ने कहा कि विश्व भर से इतने सारे न्यायविदों का यहाँ आना इस बात का प्रमाण है कि वे इस कार्य के प्रति संकल्पबद्ध हैं लेकिन इसमें समाज के अन्य वर्गों का प्रतिभाग भी आवश्यक है। इस अवसर पर क्रोएशिया के पूर्व राष्ट्रपति स्टीफन मेसिक, दक्षिण अफ्रीका के पूर्व राष्ट्रपति कगामा मोटलैन्थ, माॅरीशस की संसद की अध्यक्षा शान्ती बाई हनूमानजी, इजराइल सुप्रीम कोर्ट के डेप्यूटी प्रेसीडेन्ट न्यायमूर्ति हनन मेल्सर आदि ने भी अपने विचार व्यक्त किये। सम्मेलन की परिचर्चा अलग-अलग पैरेलल सेशन्स के अन्तर्गत सम्पन्न हो रही है जिनमें ‘एजूकेशन फॅार प्रमोटिंग वर्ल्ड यूनिटी एण्ड पीस’, ‘इस्टेब्लिशिंग रूल आॅफ लाॅ’, ‘ह्यूमन राइट्स’, ‘ग्लोबल गवर्नेन्स स्ट्रक्चर’, ‘टैकलिंग ग्लोबल इश्यूज’ एवं ‘सस्टेनबल डेवलपमेन्ट’ आदि विषयों एवं उप-विषयों पर विचारों का आदान-प्रदान हो रहा है। इससे पहले, ‘अन्तर्राष्ट्रीय मुख्य न्यायाधीश सम्मेलन’ में प्रतिभाग के लिए 71 देशों के प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति, गवर्नर-जनरल, पार्लियामेन्ट के स्पीकर, न्यायमंत्री, इण्टरनेशनल कोर्ट के न्यायाधीश समेत 370 से अधिक न्यायविदों व कानूनविदों ने आज सी.एम.एस. छात्रों व शिक्षकों के विशाल ‘विश्व एकता मार्च’ का नेतृत्व किया एवं विश्व के ढाई अरब बच्चों के सुरक्षित भविष्य का अलख जगाया। कानपुर रोड स्थित पुरानी चुंगी से सी.एम.एस. कानपुर रोड आॅडिटोरियम तक निकाले गये विशाल ‘विश्व एकता मार्च’ में सी.एम.एस. छात्रों ने हाथों में ग्लोब, पोस्टर, बैनर इत्यादि लेकर विश्व एकता, शान्ति एवं सुदृढ़ विश्व न्यायिक व्यवस्था की पुरजोर अपील की। सम्मेलन के संयोजक व सी.एम.एस. संस्थापक डा. जगदीश गाँधी ने आज अपरान्हः सत्र में आयोजित एक प्रेस कान्फ्रेन्स में मुख्य न्यायाधीशों के विचारों से अवगत कराते हुए कहा कि विश्व भर से पधारे न्यायमूर्तियों का मानना है कि एक प्रजातान्त्रिक विश्व सरकार का गठन अतिआवश्यक है। विश्व सरकार, विश्व संसद और अन्तर्राष्ट्रीय कानून व्यवस्था ही एक आदर्श विश्व व्यवस्था की धुरी है, जो आतंकवाद, अशिक्षा, बेरोजगारी और पर्यावरण सम्बन्धी समस्याओं को नियन्त्रित करने में सक्षम है। डा गाँधी ने आगे बताया कि मुख्य न्यायाधीशों ने सी.एम.एस. छात्रों की अपील को ध्यानपूर्वक सुना और इस पर गहरा विचार-विमर्श किया। इस अपील में छात्रों ने विश्व के ढाई अरब बच्चों की ओर से इन मुख्य न्यायाधीशों से कहा कि हम बच्चे एक सुरक्षित भविष्य चाहते हैं। हमें यह बमों का जखीरा नहीं चाहिए। आप लोग मिलकर ऐसी कानून व्यवस्था बनायें जिससे विश्व में एकता व शान्ति स्थापित हो सके,बच्चों पर अत्याचार समाप्त हो और युद्ध समाप्त हो।
सी.एम.एस. के मुख्य जन-सम्पर्क अधिकारी हरि ओम शर्मा ने बताया कि एक नवीन विश्व व्यवस्था के सृजन के लिए 71 देशों से पधारे न्यायविदों व कानूनविदों के सारगर्भित विचारों का दौर आज भी जारी रहेगा।

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