मुजफ्फरनगर दंगे में पुलिस की लापरवाही व नेताओं की करतूत उजागर
दस्तक टाइम्स/एजेंसी
लखनऊ। यूपी के मुजफ्फरनगर में हुए दंगे की जांच रिपोर्ट आ गई है। दंगे के लिए कुछ नेताओं और पुलिस व प्रशासनिक अफसरों को भी कठघरे में खड़ा किया गया। दंगे की जांच जस्टिस विष्णू सहाय कर रहे थे। नौ सितंबर 2013 को जस्टिस विष्णू सहाय को इसकी जांच का जिम्मा सौंपा गया था। लगभग दो साल बाद जस्टिस सहाय
ने इससे संबंधित जांच रिपोर्ट राज्यपाल राम नाईक को सौंप दी है। रिपोर्ट में तत्कालीन डीजीपी देवराज नागर और कई पुलिस अफसरों पर मामले में लापरवाही बरतने और स्थिति को काबू में न कर पाने के लिए जिम्मेदार ठहराया है। यही नहीं रिपोर्ट के मुताबिक एक पार्टी के नेताओं ने लोगों को भड़काने का काम किया। इससे स्थिति और भयावह होती चली गई। दोबारा ऐसी स्थिति प्रदेश में न बने और ऐसी अप्रिय घटना को रोकने के लिए भी सुझाव दिए गए हैं। राजभवन के सूत्रों के अनुसार राज्यपाल इस रिपोर्ट का अध्ययन करने के बाद इस पर उचित कार्रवाई के लिए मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से सिफारिश करेंगे।