मुडिया पूर्णिमा मेला में बढ़ा भीड़ का दवाब
आगरा : आंखों में प्रभु दर्शन की लालसा तो जुबान पर राधे-राधे के बोल ने गोवर्धन तलहटी को भक्ति का सागर बना दिया है। पांच दिनों तक चलने वाले मुडि़या पूर्णिया मेले में तीसरे दिन भीड़ का दवाब बढ़ गया। दसवीसा क्षेत्र में दोनों ओर से आ रहे भक्तों के रेले से स्थिति बेकाबू होती दिखी। तभी अचानक भीड़ के बीच में सांड आने से अफरा तफरी मच गई। गनीमत रही कि स्थिति को समय रहते काबू में कर लिया गया। मानव माला से सजे गोवर्धन पर्वत का सौंदर्य देखते ही बनता है। मुडिय़ा पूर्णिमा मेला के तीसरे दिन चारों दिशाओं से उमड़े जनसमुद्र से 21 किलोमीटर लंबा मार्ग और गोवर्धन की गलियां सकरी नजर आने लगी हैं। मुडिय़ा मेला का आयोजन 12 से 16 जुलाई तक है। सांझ ढले रोशनी के साथ मेला के वैभव का गुणगान करती लाइटें परिक्रमा मार्ग को चकाचौंध कर रही हैं। रविवार को सुबह से आग बरसाते सूर्य देव, गर्मी की प्रचंडता और तपिश भरा वातावरण भी भक्तों की श्रद्धा को डिगाने की जुर्रत नहीं कर रहा। सप्तकोसीय परिक्रमा के दौरान बनी सघन मानव शृंखला के मोती भले ही दिन में कम बिखरे नजर आएं, लेकिन रात में मानव माला टूटने का नाम नहीं ले रही है। गोवर्धन का कण-कण गिरिराज प्रभु की भक्ति में सराबोर नजर आया। विभिन्न जाति और भाषाओं के मिश्रण से बस एक ही नाम निकलता है गिरिराज महाराज की जय, राधे-राधे, श्री राधे। कुछ ऐसा ही खूबसूरत नजारा मुडिय़ा मेला के दौरान शनिवार देर रात तक बना रहा। मंदिरों में श्रद्धालुओं की संख्या को देखते हुए कई भक्त प्रभु का दूध अभिषेक नहीं कर सके। तलहटी के प्रमुख मंदिरों में लगी लाइन के कारण श्रद्धालु दूध की जगह मंदिर में पैसे चढ़ाते नजर आए। सात कोसीय परिक्रमा मार्ग में जगह-जगह सीसीटीवी लगाए हैं। आतंकी घटनाओं से सजग बम निरोधक दस्ता मेला क्षेत्र में शनिवार को भी चेङ्क्षकग करता रहा। प्रमुख मंदिर एवं समीप सजी दुकानों की बारीकी से चेकिंग की गई। मेला क्षेत्र में छेड़छाड़ की घटनाओं पर रोकथाम एवं चेन स्नेचरों पर नजर रखने के लिए सादा कपड़ों में पुलिसकर्मी तैनात किए गए हैं।