मुम्बई (एजेंसी)। भारतीय क्रिकेट टीम ने वानखेड़े स्टेडियम में खेले गए दूसरे टेस्ट मैच के तीसरे दिन शनिवार को वेस्टइंडीज को एक पारी और 126 रनों के अंतर से हराकर अपने अब तक के सबसे बड़े प्रतिनिधि सचिन तेंदुलकर को शानदार विदाई दी। मैदान से निकलते वक्त भारतीय टीम ने 24 साल और एक दिन तक अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में सक्रिय रहने वाले सचिन को गार्ड ऑफ ऑनर दिया और सचिन ने दर्शकों तथा साथियों का अभिनंदन स्वीकार किया। इसके साथ विश्व क्रिकेट में एक युग का समापन हुआ। वेस्टइंडीज की टीम दूसरी पारी में 187 रन ही बना सकी। वेस्टइंडीज ने अपनी पहली पारी में 182 रन बनाए थे। भारत की ओर से प्रज्ञान ओझा ने पांच और रविचंद्रन अश्विन ने तीन विकेट लिए थे। इसके बाद भारत ने चेतेश्वर पुजारा (113) और रोहित शर्मा (नाबाद 111) के शानदार शतक और अपना 2००वां तथा अंतिम मैच खेल रहे सचिन के 74 रनों की बदौलत अपनी पहली पारी में 495 रन बनाकर 313 रनों की बढ़त हासिल की। वेस्टइंडीज की ओर से शेन शिलिंगफोर्ड ने पांच विकेट झटके। दूसरे दिन की समाप्ति तक वेस्टइंडीज ने 43 रनों पर तीन विकेट गंवा दिए थे। कैरेबियाई टीम ने शुक्रवार को अंतिम पहर में 12.2 ओवर बल्लेबाजी की और कीरन पॉवेल (9) नाइटवॉचमैन टीनो बेस्ट (9) और ब्रावो के विकेट गंवाए। क्रिस गेल छह रनों पर नाबाद लौटे थे। तीसरे दिन गेल का साथ निभाने मार्लन सैमुएल्स आए लेकिन वह 11 रनों के निजी योग पर ओझा का शिकार बने। सैमुएल्स का विकेट 74 के कुल योग पर गिरा। गेल ने सुबह के सत्र में तीन चौके और एक छक्का लगाया लेकिन वह भी 87 के कुल योग पर ओझा की गेंद पर विकेट के पीछे लपके गए। गेल ने 53 गेंदों पर 35 रन बनाए। इन दोनों की विदाई के बाद अपना 15०वां टेस्ट खेल रहे शिवनारायण चंद्रपॉल पर पारी की हार टालने की जिम्मेदारी आई। चद्रपॉल वेस्टइंडीज के सबसे अनुभवी टेस्ट खिलाड़ी हैं और रनों के मामले में वह ब्रायन लारा के बाद दूसरे क्रम पर आते हैं। चंद्रपॉल का साथ नरसिंह देवनारायण निभा रहे थे लेकिन ओझा ने उन्हें खाता भी नहीं खोलने दिया। सचिन का विकेट लेकर क्रिकेट इतिहास में अमर होने वाले देवनारायण 89 के कुल योग पर ओझा द्वारा उनकी ही गेंद पर लपके गए। इसके बाद चंद्रपॉल ने नए साथी दिनेश रामदीन (नाबाद 53) के साथ सातवें विकेट के लिए 68 रन जोड़े और अपनी टीम को पारी की हार से बचाने की उम्मीद जगाई लेकिन 157 के कुल योग पर अश्विन ने चंद्रपॉल को पलम्ब कर दिया। चंद्रपॉल ने 62 गेंदों पर चार चौके लगाए और निराशा का भाव लिए पवेलियन लौटे। चंद्रपॉल ने 15० टेस्ट मैचों की 255 पारियों में 44 बार नाबाद रहते हुए 1०926 रन बनाए हैं। रनो के लिहाज से वह वेस्टइंडीज के दूसरे सबसे सफल बल्लेबाज हैं। लारा ने 11912 रन बनाए हैं। लारा ने 13० मैचों में इतने रन जोडे़ हैं जबकि चंद्रपॉल ने वेस्टइंडीज के लिए सबसे अधिक 15० मैच खेले हैं। उनके नाम सर्वाधिक 61 टेस्ट अर्धशतक दर्ज हैं। चंद्रपॉल टेस्ट इतिहास के 1० हजारी क्लब में शामिल सातवें बल्लेबाज हैं। चंद्रपॉल के जाने के बाद कप्तान डारेन सैमी (1) को ओझा ने 162 के कुल योग पर चलता कर भारत को आठवीं सफलता दिलाई। भोजनकाल से पहले ही भारत की जीत की सम्भावना को देखते हुए उसे 15 मिनट के लिए आगे कर दिया गया। इसी दौरान अश्विन ने 185 के कुल योग पर शेन शिलिंगफोर्ड को चलता कर नौवीं सफलता ऐलान किया। अंतिम विकेट के तौर पर शेनॉन गेब्रियल आउट हुए। मोहम्मद समी ने उन्हें खाता खोलने नहीं दिया। भारत की ओर से दूस पारी में ओझा ने पांच और अश्विन ने चार विकेट हासिल किए। एक विकेट समी को मिला। ओझा ने इस मैच में कुल 1० विकेट लिए। उन्हें मैन ऑफ द मैच चुना गया और इस श्रृंखला में पर्दापण करने के बाद लगातार दो शतक लगाने वाले रोहित शर्मा को मैन ऑफ द सीरीज चुना गया। ओझा ने अपना पुरस्कार सचिन को समर्पित किया। इसके साथ ही भारत ने दो मैचो श्रृंखला 2-० से जीत ली। उनसे कोलकाता में खेले गए पहले मैच में पारी व 51 रनों से जीत हासिल की थी। मैच के बाद सचिन ने पुरस्कार वितरण समारोह में उन सभी लोगों को धन्यवाद दिया जो किसी न किसी रूप से उनसे जुड़े रहे हैं। सचिन ने साथ ही मौजूदा टीम को एक संदेश भी दिया और उसकी काबिलियत पर भरोसा जाहिर किया। इसके बाद सचिन ने तिरंगा लेकर विराट कोहली और महेंद्र सिंह धौनी के कंधों पर बारी-बारी से सवार होकर मैदान का चक्कर लगाया और दर्शकों का अभिवादन स्वीकार किया। अंत में सचिन ने वानखेड़े स्टेडियम की पिच को झुककर सलाम किया और फिर अपने परिवार के साथ ड्रेसिंग रूम में चले गए। सचिन ने अपने व्यक्तित्व के साथ पूरा न्याय करते हुए न सिर्फ अपने करियर में योगदान देने वाले सभी लोगों को धन्यवाद दिया बल्कि उस पिच को भी नहीं भूले जहां से उन्होंने प्रतिस्पर्धी क्रिकेट की शुरुआत की थी।