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मुरथल मामले में सुनवाई शुरू, 1621 लोग हो चुके गिरफ्तार

panjab-hariyana-high-court_24_09_2016चंडीगढ़। जाट आरक्षण के दौरान हिंसा और सामूहिक दुष्कर्म के मामले में पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में शनिवार को सुनवाई हुई। मामले में कोर्ट ने सरकार को फटकार लगाई। सरकार ने कोर्ट में कोर्ट में दाखिल किए गए शपथ पत्र में लिखा था कि कोर्ट मामले में हस्तेक्षप कर रहा है।

कोर्ट ने सरकार की पैरवी कर रहे है तुषार मेहता से कहा कोर्ट इस मामले में नहीं हटेगी। सरकार हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाकर स्टे ला सकती है। मामले की अगली सुनवाई 22 अक्टूबर को होगी

। सीबीआई ने जाट आंदोलन की सभी एफआईआर और जांच करने में जताई असमर्थता।

सीबीआई ने कहा उसके पास इतने संसाधन नहीं है। हरियाणा सरकार ने भी कहा कि राज्य सरकार इस मामले की सही जांच कर रही है। जाट आंदोलन के दौरान हिंसा, आगजनी, तोड़फोड़ के मुकदमे की जांच सीबीआई को देने को लेकर सरकार को भी देना है जवाब। कोर्ट में सीबीआई के काउन्सिल भी मौजूद हैं।

वित्त मंत्री के भाई को इन्साफ नहीं मिल रहा, आम जनता का क्या होगा

वित्त मंत्री कैप्टन अभिमन्यु के भाई की याचिका पर सुनवाई में कोर्ट में वकील ने कहा की आजतक कोई गिरफ्तारी नहीं हुई। सीएफएसएल को भी मार्च में सैंपल भेज दिए गए थे।

ऐमाइक्स क्यूरी ने कहा कि क्या कारण है कि मात्र 2 या 3 केस ही सीबीआई को दिए गए हैं। कोर्ट ने मांग कि इस बारे में सरकार जानकारी दे कि 2000 केसे में से मात्र 2 या 3 केस क्यों सीबीआई को दिए गए हैं। कोर्ट ने कहा अगर वित्त मंत्री के भाई को इन्साफ नहीं मिल रहा, तो आम जनता का क्या होगा।

कोर्ट ने कहा की यह् सब 1947 से अब तक की सबसे दुखद घटना है। सरकार की ओर से पेश हुए वकील तुषार मेहता ने कहा कुछ मामलों में राजनितिक षड्यंत्र की जांच और कुछ बड़े राजनैतिक नामों के शामिल होने की आशंका के चलते यह मामले सीबीआई को सौंपे गए हैं। तुषार मेहता ने कोर्ट में दी जानकारी दी कि अब तक 1621 लोगो को गिरफ्तार किया जा चुका है।

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