लखनऊ । सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव की असरदार रैली के बाद अब भारतीय जनता पार्टी पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ.मुरली मनोहर जोशी को अपने संसदीय क्षेत्र की याद आ गई। चुनावी समीकरणों को अपने पक्ष में करने के लिए वह 25 जनवरी से 29 जनवरी तक वाराणसी में रहेंगे। बाबा विश्वनाथ की नगरी से डॉ.मुरली मनोहर जोशी सांसद हैं। क्षेत्रीय नागरिकों का आरोप है कि पूरे कार्यकाल के दौरान डा जोशी ने क्षेत्र में अधिक समय नहीं दिया। ऊंचा कद और देश की राजनीति में अपना प्रभाव रखने वाले जोशी के पास स्थानीय नागरिक आसानी से पहुंच भी नहीं पाते हैं। कभी उन्हें उनके सुरक्षाकर्मी रोक लेते हैं तो कभी उनका संसदीय क्षेत्र से बाहर निवास रहता है। इन दोनों ही हालातों में आम मतदाता को अपने जनप्रतिनिधि का चेहरा तक देखना मुश्किल हो जाता है। इसी का नतीजा है कि वाराणसी में आम नागरिक मूलभूत सुविधाओं के लिए भी वर्तमान व्यवस्था से जूझ रहा है। इन्हीं स्थितियों के बाद भाजपा के प्रधानमंत्री पद के दावेदार नरेंद्र मोदी की रैली हुई। रैली में जुटी भीड़ ने जोशी का उत्साह बढ़ा दिया था लेकिन यह अधिक समय तक नहीं रह सका। मोदी की रैली के प्रभाव को खत्म करने के लिए समाजवादी पार्टी के मुखिया मुलायम सिंह यादव ने भी वाराणसी को ही चुना। रामनगर में हुई सपा मुखिया की रैली में न केवल भारी भीड़ जुटी बल्कि उसमें खासा उत्साह भी रहा। एक तरफ भीड़ और दूसरी तरफ उसमें उत्साह की सूचना ने भाजपा नेता को अपने संसदीय क्षेत्र की तरफ एक बार फिर रुख करने के लिए मजबूर कर दिया। भाजपा कार्यालय से जारी सूचना में बताया गया कि डा. जोशी 25 से 29 जनवरी तक वाराणसी में ही रहेंगे। वह यहां पर कई स्थानीय कार्यक्रमों में हिस्सा लेंगे तथा 29 जनवरी को वाराणसी से नई दिल्ली को प्रस्थान करेंगे। पार्टी सूत्रों का कहना है कि इस अवधि में क्षेत्रीय सांसद स्थानीय लोगों की राजनीतिक नब्ज टटोलेंगे और पता करेंगे कि सपा की रैली का उन पर कितना प्रभाव पड़ेगा।