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मुरादाबाद रेल मंडल मालगाड़ी चलाने में अव्वल

मुरादाबाद : मुरादाबाद रेल मंडल मालगाड़ी चलाने में अव्वल रहा है, लेकिन रेलवे के अधिकारियों ने चालक और गार्ड की दी जाने वाली सुविधाओं की ओर से आंखें मूंद ली हैं। इससे चालकों को कई प्रकार की परेशानी को उठाते हुए काम करना पड़ रहा है। उन्हें न तो खाना समय से मिल पा रहा है, न ही उनके ठहरने के स्थान पर साफ-सफाई की बेहतर व्यवस्था है। मुरादाबाद रेल मंडल का मुरादाबाद रेलवे स्टेशन चालक और गार्ड बदलने का प्रमुख स्टेशन है। वर्तमान में यहां से प्रत्येक दिन 95 से अधिक ट्रेनें गुजरती हैं और चालक व गार्ड बदले जाते हैं। रेलवे के आंकड़े के अनुसार जून में 4983 मालगाड़ी मुरादाबाद से होकर विभिन्न स्थानों के लिए गुजरती थीं, सभी मालगाड़ियों के चालक और गार्ड यहां बदले जाते थे। प्रतिदिन औसत 170 मालगाड़ी गुजरती हैं, जो पिछले साल से 20.19 फीसद अधिक हैं। रेल प्रशासन ने सुरक्षित ट्रेन चलाने के लिए बाहर से आने वाले चालकों व गार्ड के विश्राम करने के लिए रनिंग रूम बनाया है। जहां चालक को आराम करने के लिए बिस्तर के साथ 24 घंटे खाना उपलब्ध कराया जाता है।

चालक या गार्ड कच्चा खाने का सामान देकर अपना खाना बनवा सकते हैं। रनिंग रूम में तैयार खाने के लिए तीन से पांच रुपये का भुगतान करना होता है। रेलवे ने सभी रनिंग रूम की व्यवस्था ठेकेदार को दे रखी हैं। इसलिए रेलवे रनिंग रूम के सभी स्वीकृति पद समाप्त कर दिए हैं। रेल मंडल मुख्यालय के रनिंग रूम के ठेका के लिए निविदा छह माह पहले आमंत्रित की जानी थीं। रेलवे अधिकारियों की लापरवाही से समय से निविदा नहीं आमंत्रित हो पाईं। ठेका समाप्त हो जाने के बाद अन्य स्थानों से कर्मियों को लाकर रनिंग रूम में तैनात कर दिया है। इससे व्यवस्था गड़बड़ा गई। रनिंग रूम में सफाई ठीक से नहीं हो पा रही है और न ही बाहर से आने वाले चालकों को समय से खाना तक नहीं मिल पाता है। अधिकारियों की डर से चालक इसकी शिकायत भी नहीं करते हैं। नरमू के मंडल मंत्री राजेश चौबे ने बताया कि समय से रनिंग रूम के ठेके के लिए निविदा तक आमंत्रित नहीं की गई हैं। इससे बाहर से चालकों को समस्या का सामना करना पड़ता है। इस मामले को लेकर रेल प्रशासन से कई बार वार्ता कर चुके हैं।

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