लखनऊ (दस्तक ब्यूरो)। दुष्कर्मियों को फांसी दिए जाने के विरोधी और दुष्कर्म के खिलाफ बने कानून को बदलने का आश्वासन देने वाले समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव की आलोचना का सिलसिला जारी है। एक महिला संगठन ने मुलायम को ‘अति नारी-विरोधी’ करार देते हुए उन्हें दंडित किए जाने की मांग की है। अखिल भारतीय महिला सांस्कृतिक संगठन (एआईएमएसएस) की राष्ट्रीय महासचिव डॉ. एच.जी. जयलक्ष्मी ने दुष्कर्म को लेकर मुलायम के बयान की कड़ी आलोचना की। डॉ. जयलक्ष्मी ने कहा कि सपा मुखिया का यह कहना कि ‘लड़के तो लड़के हैं उनसे गलतियां हो जाया करती हैं इसके लिए उन्हें फांसी की सजा नहीं दी जानी चाहिए’ अपराधियों को संरक्षण देना व अपराध को बढ़ावा देना मात्र है। उन्होंने कहा कि इसमें सपा मुखिया के पुरुष प्रधान मानसिकता की झलक दिखती है कि पुरुष अपराध करने के लिए हैं और महिलाएं उनका शिकार बनने के लिए ही बनी हैं। डॉ. जयलक्ष्मी ने कहा कि महिला सांस्कृतिक संगठन पुरजोर मांग करता है कि दुष्कर्म जैसे कुकृत्य को अंजाम देने वालों को न केवल कठोरतम दंड मिलने चाहिए बल्कि ऐसे लोगों को भी बराबर रूप से सजा मिलनी चाहिए जो ऐसे कुकर्म को अपने कथनों में औचित्यपूर्ण ठहराते हैं और बढ़ावा देते हैं। उन्होंने कहा ‘‘हम दुष्कर्म-विरोधी नए कानून में संशोधन के लिए सपा मुखिया के कथन की भी कड़े शब्दों में निन्दा करते हैं। इस तथ्य से कोई भी इनकार नहीं कर सकता है कि दुष्कर्म के खिलाफ वर्तमान कानून पूरे देश में तेजी से बढ़ रही इस तरह की घटनाओं के विरुद्ध ऐतिहासिक विरोध-प्रदर्शनों की वजह से अस्तित्व में आया है। पुरुष स्त्री और सभी जनवादी सोच के लोग व समाज का स्वस्थचित्त तबका कानून में संशोधन की मुलायम सिंह की मंशा को अमलीजामा पहनाने नहीं देगा।’’ डॉ. जयलक्ष्मी ने कहा कि महिला सांस्कृतिक संगठन आमतौर पर समाज के हर तबके और खासकर महिलाओं से ‘अति नारी-विरोधी’ व ‘अपराधी-हितैषी’ ऐसे बयान का जबर्दस्त विरोध के लिए आ”ान करता है।