मुलायम सिंह बोले, लखनऊ के साथ हमें दिल्ली भी चाहिए
मुलायम सिंह ने कहा, निशाना दिल्ली और लखनऊ दोनों पर होना चाहिए। जब दोनों पर कब्जा होगा तभी विकास होगा। लखनऊ की हैसियत लेखपाल जैसी होती है और दिल्ली की कलेक्टर जैसी। कलेक्टर जब चाहे सहायता रोक दे, इसलिए कलेक्टर भी बनना है और लेखपाल भी। यूपी के बाद दिल्ली पर कब्जा करना है। कलेक्टर बने होते तो 17 जातियों को अनुसूचित जाति में शामिल करने का प्रस्ताव खारिज न होता।
हमारी ताकत 54 फीसदी, राज कर रहे थे 7 फीसद वाले
मुलायम सिंह यादव ने कहा कि अब तक 7 फीसदी आबादी वाले प्रदेश और देश पर राज कर रहे थे। पिछड़ों की ताकत 54 फीसदी हैं। पिछड़े सरकार चलाने लगे तो उन्हें दिक्कत हो रही है।
उन्होंने कहा, हमने प्रदेश में चार बार सरकार बनाई है। आगे भी सरकार बनाने की चुनौती है। देश के सामने बड़ी समस्याएं हैं। इनका मुकाबला केवल सपा कर सकती है। इसलिए लोगों को सपा से परेशानी हो रही है। उन्होंने कहा हमारी ताकत 54 फीसदी की है। अब तक 7-8 फीसदी वाले राज कर रहे थे।
उन्होंने कहा, केवल समाजवादी पार्टी ने पिछड़ों का ध्यान रखा है। डॉ. लोहिया कहते थे कि पिछड़ों की लड़ाई यादव ही लड़ सकता है। उनका सपना साकार हो रहा है। सपा पिछड़ों को आगे बढ़ा रही है। 17 जातियों के इस सम्मेलन में जो भी प्रस्ताव पारित होगा, मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से उसे लागू करने केलिए कहेंगे।
मुलायम सिंह ने सम्मेलन के तीन दिन के नोटिस पर विशाल सम्मेलन करने के लिए इसके संयोजक गायत्री प्रजापति की पीठ थपथपाई। सम्मेलन में 17 अति पिछड़ी जातियों को अनुसूचित जाति में शामिल करने का प्रस्ताव पारित किया गया। इस मौके पर वरिष्ठ मंत्री शिवपाल सिंह यादव, बलराम यादव, रामगोविंद चौधरी, अरविंद सिंह गोप, राम आसरे विश्वकर्मा, लीलावती कुशवाहा, राजपाल कश्यप, विशंभर निषाद आदि मौजूद थे।
सपा मुखिया ने नाम लिए बिना सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश जस्टिस राजेन्द्र सिंह सच्चर पर निशाना साधा। कहा, सैफई में उनका सम्मान कुछ लोगों को हजम नहीं हो रहा है। उन्हें परेशानी हो रही है। मुलायम ने कहा, न्यायपालिका में उच्च पदों पर रहे एक व्यक्ति ने मेरे जन्म दिन के समारोह पर टिप्पणी की है। हम, उनके बारे में कुछ नहीं कहेंगे। उन्हें मेरे बारे में कुछ नहीं पता है। उनकी मानसिकता ठीक नहीं है। हम गरीब किसान परिवार से आए हैं, हमारे साथ गरीब लोग हैं, हम उन्हें आगे बढ़ाने का काम कर रहे हैं। वहां एआर रहमान ने देशभक्ति के गीत गाए। उनके बयान का लोग मजाक उड़ा रहे हैं।