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मुल्ला को फांसी के बाद बांग्लादेश में भड़की हिंसा, 25 मरे

bloodढाका (एजेंसी)। बांग्लादेश में कट्टरपंथी राजनीतिक दल जमात-ए-इस्लामी के एक वरिष्ठ नेता को फांसी दिए जाने के बाद भड़की हिंसा में आज कम से चार और लोगों की मौत हो गई  जिसके साथ ही इस हिंसा में मरने वालों की संख्या बढ़ कर 25 हो गई है। इस बीच  प्रधानमंत्री शेख हसीना ने हिंसा करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की चेतावनी दी है। वर्ष 1971 में मुक्ति संग्राम के दौरान अत्याचार करने की वजह से मीरपुर का कसाई कहलाने वाले अब्दुल कादर मुल्ला को बहस्पतिवार की रात फांसी दे दी गई थी  जिसके बाद से यहां के कई शहरों में बदस्तूर हिंसा जारी है। इस हिंसा पर रोकथाम के लिए कई प्रमुख शहरों में अद्र्धसैनिक बलों को तैनात किया गया है  जबकि ढाका के आसमान पर हेलीकॉप्टरों से गश्त लगाई जा रही है। जमात कार्यकर्ताओं ने आज लालमोनिरहाट जिले में अवामी लीग के एक समर्थक की चाकू मारकर हत्या कर दी। इससे कुछ घंटे पहले यहां क्षड़प में 3 इस्लामवादी मारे गए थे। खबरों के अनुसार काफिरबाजार इलाके में जमात कार्यकर्ताओं ने अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय के लोगों के घरों पर हमला किया और आग लगा दी। इसमें कम से कम 10 लोग घायल हो गए। मुल्ला को फांसी दिए जाने के बाद भड़की हिंसा में मरने वालों की संख्या कम से कम 25 हो गई। शहीदों की याद में आयोजित रैली को संबोधित करते हुए हसीना ने कल अपनी कट्टर विरोधी पार्टी बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी :बीएनपी: की प्रमुख खालिदा जिया पर आरोप लगाया कि वे मानवता के खिलाफ अपराध करने वालों को बचाने के लिए जमात का समर्थन कर रही हैं। उन्होंने कहा  हमने बहुत धैर्य दिखाया लेकिन अब हम और बर्दाश्त नहीं करेंगे। देश के लोग जानते हैं कि कैसे इन अत्याचारों का जवाब देना है  हम :सरकार: भी यह जानते हैं कि इन्हें कैसे जवाब देना है और कैसे काबू में करना है। प्रधानमंत्री का ये बयान जमात द्वारा मुल्ला की फांसी के विरोध में आज राष्ट्रव्यापी हड़ताल और प्रदर्शन करने की घोषणा के जवाब में आया है। मुल्ला को फांसी के बाद जगह जगह हिंसा शुरू हो गई। मुल्ला को फांसी को जमात ने राजनीतिक हत्या करार दिया है और इसका बदला लेने का संकल्प जताया है।

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