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मुस्लिम दंपत्ति ने खो दी 5 संतानें, छठी बचाने को मोदी से गुहार

muslim-family-in-jharkhand-56c6518d9faab_exlstदस्तक टाइम्स एजेंसी/ झारखंड निवासी मोहम्मद सैयद और इशरत परवीन ने दिल की जन्मजात बीमारी के कारण एक एक कर 11 में से अपनी पांच संतानें खो दी। उनकी छठी संतान� पर भी जान जाने का खतरा मंडराता देख गरीब दंपति ने प्रधानमंत्री मोदी से गुहार लगाई है।

इंडियन एक्सप्रेस की खबर के अनुसार पीड़ित दंपति ने प्रधानमंत्री मोदी के अलावा झारखंड के मुख्यमंत्री रघुवर दास से भी मदद की गुहार लगाई है। रांची के प्रतिष्ठित रांची इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस के डॉक्टरों ने दंपति को बताया है कि उनके आठ वर्षीय बेटी उम्‍मे अमान की जान हार्ट ट्रांसप्लांट के जरिए बचाई जा सकती है।

लेकिन बेरोजगार दंपति के पास इसके खर्चे के लिए पैसे नहीं हैं। निराशा में डूबी इशरत जहां कहती हैं कि अल्लाह की मर्जी से मेरे पांच बच्चे मुझ से जुदा हो गए। लेकिन हम बाकी बच्चों को बचाने के लिए प्रयास कर रहे हैं अब देखना है कि हमारे भाग्य में कुछ है या नहीं।

 पचास की उम्र पार कर चुके सैयद अहमद बताते हैं कि जब अमान बीमार पड़ी थी तो मैने सारी उम्‍मीद खो दी थी और उसे अस्पताल में भर्ती कराने का भी इच्छुक नहीं था। लेकिन मेरी पत्नी ने मुझे मजबूर किया तो हमने इसे अस्पताल में भर्ती करा दिया।

सैयद और इशरत की शादी 25 साल पहले हुई थी जिसके बाद उनके 11 बच्चे हुए। लेकिन उन्होंने अपने पांच बच्चों को पांच से आठ साल की उम्र तक ही खो दिया। उनके बच्चों की जन्मजात दिल की बीमारी के कारण मौत हुई जिसकी पहचान पांच साल की उम्र में ही हो गई थी।

लेकिन गरीबी के अभाव में बेबस दंपति बच्चों को मरते देखने के सिवाय कुछ न कर सकी। काम की तलाश में कुछ दिन पहले सैयद उड़ीसा भी गए थे वहां छह महीने काम भी किया लेकिन वापस लौट आए। वो बताते हैं कि डॉक्टरों ने मुझसे कहा है कि मेरी बेटी की जान केवल उसके दिल के प्रत्यारोपण से ही बच सकती है। जो केवल एम्स दिल्ली और सीएमसी वेल्लोर में हो सकती है। जिसका खर्चा कम से कम 10 लाख रुपये आएगा। 

अहमद बताते हैं कि जब उन्होंने सुना कि प्रधानमंत्री मोदी बेटियों को बचाने के लिए काफी कुछ कर रहे हैं तो उन्होंने अपनी बेटी की जान बचाने के लिए प्रधानमंत्री मोदी को खत लिखा है। कुछ उम्मीद के साथ वो कहते हैं कि हो सकता है भगवान उसके लिए कुछ अच्छा चाहते हों।

अहमद ने बताया कि उनके बच्चों को होने वाली बीमारी को डिलेटड कार्डियोमीपैथी कहते हैं। जिसमें दिल शरीर में रक्त का संचार रोक देता है। डॉक्टरों ने मुझे बताया है कि यह अनुवांषिक बीमारी है। वहीं रिम्स की डिप्टी सुपरीटेंडेंट डा. कुमारी वसुंधरा बताती हैं कि, मेरी जानकारी के अनुसार दंपति इस जन्मजात बीमारी के कारण अपने कई बच्चों को खो चुकी है।

मामले में उच्च इलाज के लिए इसे हायर सेंटर के लिए रेफर कर दिया गया है। सूत्रों के मुताबिक सड़क, रेल यातायात पूरी तरह से ठप होने और जनजीवन के अस्त व्यस्त हो जाने से लोगों की बढ़ती नाराजगी से चिंतित राज्य सरकार ने पार्टी नेतृत्व और केंद्र से मदद मांगी है। मुख्यमंत्री ने रेल मंत्री सुरेश प्रभु से फोन पर बातचीत कर उनसे रेल सेवा सामान्य करने की मांग की है।

 
 

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