मुस्लिम बोर्ड: राम मंदिर मुद्दे पर अध्यादेश लाए जाने पर सुप्रीम कोर्ट जाएंगे
रविवार को लखनऊ के नदवा कॉलेज में मुस्लिमों की सर्वोच्च धार्मिक संस्था ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की कार्यकारिणी सदस्यों की बैठक में यह निर्णय हुआ कि अयोध्या मामले पर कोर्ट जो भी फैसला करेगा उसे माना जाएगा।
बैठक में मुस्लिम महिलाओं की सामाजिक व आर्थिक सुरक्षा, महंगी शादियों और बेटियों को दहेज की जगह जायदाद में हिस्सेदारी देने को लेकर भी चर्चा की गई।
बोर्ड के चेयरमैन मौलाना सैयद राबे हसनी नदवी की अध्यक्षता में दारुल उलूम नदवतुल उलूम में संपन्न हुई कार्यकारिणी बैठक में राम मंदिर के लिये हिन्दू संगठनों की ओर से भाजपा सरकार से अध्यादेश लाने की लगातार हो रही मांग को सियासी एजेन्डा माना गया।
बैठक के बाद पत्रकारों को संबोधित करते हुए बोर्ड के सचिव एडवोकेट जफरयाब जीलानी ने साफ किया कि बाबरी मस्जिद मामले में सुप्रीम कोर्ट जो भी फैसला सुनाएगा उसे माना जाएगा। उन्होंने कहा कि धर्म संसद सहित हिन्दू संगठनों की ओर से अध्यादेश लाकर राम मंदिर निर्माण की मांग कानून के खिलाफ है।