अद्धयात्म

मुहर्रम के महीने में भूलकर भी कभी न करें ये 5 काम, पुरे दिल से मनाएं मातम

मुहर्रम का नाम सुनते ही जेहन में पैगंबर के लिए मातम के डूबे लोगों की तस्वीर सामने आ जाती है. ऐसे में मामत मनाने के लिए काफी सारी जरूरी बातों का पता होना जरूरी है. मातम को दिल से मनाने के लिए सिर्फ खुद को दुख दर्द देना है काफी नही हैं बल्कि अपनी दिनचर्या में भी सारे बदलाव करने पड़ते हैं. आज हम आपको बताने जा रहे हैं ऐसे ही कुछ जरूरी बदलावों के बारे में जिन्हें मुहर्रम में आपको जरूर अपनाना चाहिए और उन्हें किसी भी कीमत पर न भूलें… तो देर किस बात की आइए जानते हैं ऐसे ही कुछ बदलावों के बारे में…

शादी न करें
मुहर्रम का महीने किसी भी अच्छे काम के लिहाज से अशुभ माना जाता है. ऐसे में कोई भी अच्छा काम करने से परहेज करें. मातम में शादी भूलकर न करें. शादी जीवन के सबसे महत्वपूर्ण फैसलों में से होता है. ऐसे में इसे मातम के महीने में करने बजाय किसी शुभ समय में करें तो बेहतर होगा.

रंगीन कपड़े पहनने से करें परहेज
मुहर्रम के महीने में रंगीन कपड़े या खूबसूरत ड्रेस पहनने से परहेज करें क्योंकि ये खुशी का संकेत होता है. मुहर्रम के महीने में जितना हो सके काले कपड़े ही पहने. अपने मूड और माहौल को दर्शाने में कपड़े बेहद अहम किरदार निभाते हैं. ऐसे में मुहर्रम के महीने में अपने कपड़ों का खास ख्याल रखना होगा.

सेलिब्रेशन न करें
शोक मना रहे हैं तो दिल से मनाएं. जितना हो सके इबादत करें और किसी भी तरह के जश्न या सेलिब्रेशन से बचने की कोशिश करें. शादी, जन्मदिन, मनोरंजन जितना हो सके इस महीने में खुद को इनसे दूर ही रखें. क्योंकि दिल से मातम मनाएंगे तो ही अपकी इबादत सफल होगी.

भड़कऊ बातें न करें
मातम के दिनों में कोई भी ऐसी बात न करें जिससे किसी को गुस्सा आए. किसी को भी भड़काने की कोशिश न करें. जितना हो सके अपनी मन में शांति रखें और दूसरो को भी शांति दें. क्योंकि जब आपका मन शांत होगा तभी आप खुदा को याद करेंगें और अपने पैगंबर सााहब का मातम मना पाएंगे.

गाने सुनने से बचें
गाना सुनना डांस करना आपके दिल की खुशी को दिखाता है जो कि मामत से बिल्कुल उलट होता है. ऐसे में जितना हो सके इन सभी चीजों से ज्यादा से ज्यादा दूरी बनाने की कोशिश करें. छोटे से छोटे सेलिब्रेशन को करने से इन दिनों में बचें.

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