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मेक इन इंडिया में साइकिल चला रही है सरकार

akhilesh-yadav-in-make-in-india-week-mumbai-56c10d497ec6a_exlstदस्तक टाइम्स एजेंसी/ मुंबई में शुरू मेक इन इंडिया कार्यक्रम में देश-विदेश के निवेशकों का मेला लगा हुआ है। इस कार्यक्रम को जहां दूसरे राज्य अपने यहां निवेश के सुनहले मौके के रूप में भुना रहे हैं, वहीं उत्तर प्रदेश की समाजवादी पार्टी सरकार ने इसे पार्टी के प्रचार का जरिया बना लिया है। निवेश को प्रोत्साहित करने के लिए तैनात किए गए अधिकारियों का रवैया भी बेहद चिंताजनक है।

अधिकारियों के बातचीत का लहजा और तरीका यूपी में निवेश के माहौल को बताने के लिए काफी है। मुंबई के बांद्रा-कुर्ला कांप्लेक्स के एमएमआरडीए मैदान में लगी मेक इन यूपी स्टाल के बाहर सपा की निशानी साइकिल दिख रही है। हैरानी की बात यह है कि जब मीडिया ने इस पर सवाल उठाए, तो स्टॉल में मौजूद अधिकारी पत्रकारों को नसीहत देते हुए बदतमीजी पर उतर आए।

उत्तर प्रदेश सरकार के एक अधिकारी संजीव दत्त से जब निवेश की योजनाओं के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने राजनीतिक अंदाज में जवाब दिया। जब उनसे निवेश के बारे में जानकारी चाही गई, तो उन्होंने साफ कहा कि हम निवेश के बारे में जानकारी नहीं दे सकते। उद्योग जगत के प्रतिनिधियों को यूपी में निवेश के माहौल के बारे में बता रहे हैं। अब उद्योग को लेकर कितने सामंजस्य करार (एमओयू) होगे, इससे उनका कुछ भी लेना-देना नहीं है।

 
 

उत्तर प्रदेश आबादी के लिहाज से देश का सबसे बड़ा राज्य है। यहां के ज्यादातर युवाओं को रोजगार के लिए सूबे से बाहर जाना पड़ता है। ऐसे में मेक इन इंडिया के सहारे उत्तर प्रदेश की अखिलेश यादव सरकार के पास यह मौका था कि वह उद्योगपतियों को राज्य में निवेश के लिए आकर्षित करे और अपनी छवि सुधारे।

लेकिन चुनावी साल में अखिलेश सरकार का जोर मेक इन यूपी से ज्यादा पार्टी के प्रचार पर है। मीडिया के सवाल पर स्टाल में मौजूद उत्तर प्रदेश सरकार के अधिकारियों ने कहा कि उन्हें मेक इन इंडिया का लोगो इस्तेमाल करने की इजाजत नहीं है। लिहाजा इस लोगो को स्टाल पर नहीं लगाया गया है।
अपने साथी की ओर से मीडिया के साथ खराब व्यवहार को स्वीकारते हुए ग्रेटर नोएडा इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट अथॉरिटी के प्रबंधक मार्केटिंग एंड इंडस्ट्रीज योगेंद्र सिन्हा ने खेद जताया। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार ने उद्योगपतियों को लुभाने के लिए कई कदम उठाएं हैं। इसी का असर है कि राज्य में बड़े पैमाने पर निवेश हो रहा है। उद्योग बंधु और निवेश मित्र जैसी योजनाओं के सहारे राज्य सरकार उद्योगपतियों को निवेश के लिए बेहतर माहौल उपलब्ध करा रही है।

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