उत्तर प्रदेश

मेडिकल कालेजों में स्वाइन फ्लू रोगियों के लिए 129 बेड, 42 वेंटीलेटर आरक्षित

लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार ने सभी राजकीय मेडिकल कालेजों में स्वाइन फ्लू के उपचार के लिए 129 बेड और 42 वेंटीलेटर आरक्षित रखने के निर्देश दिए हैं। राज्य के चिकित्सा शिक्षा विभाग के महानिदेशक डा। के़ के़ गुप्ता ने बताया कि सभी राजकीय मेडिकल कॉलेजों में स्वाइन फ्लू रोगियों के लिए कम से कम पांच बेड आरक्षित करने को कहा गया है। उन्होंने बताया कि मेडिकल कॉलेजों में 129 बेड, 42 वेंटीलेटर आरक्षित करने के लिए उनके प्रधानाचार्यो को निर्देश दिए गए हैं कि स्वाइन फ्लू के मरीजों की बढ़ती संख्या को ध्यान में रखते बेड और अन्य व्यवस्था करें। उन्होंने बताया कि वर्तमान में मेडिकल कॉलेजों में 129 बेड एवं 42 वेंटीलेटर आरक्षित है तथा आवश्यकता पड़ने पर अन्य वार्डो को भी आईसोलेट कर उसमें भी मरीजों को भर्ती किया जाएगा। उन्होंने बताया कि स्वाइन फ्लू के रोगियों की जॉच के लिए आईसीएमआर के सहयोग से प्रदेश के राजकीय मेडिकल कालेज, कानपुर, आगरा, मेरठ तथा गोरखपुर में वीडीआर लैब की स्थापना की गयी है और लैब में पद सृजित किये जा चुके है। इन पदों पर तैनाती भी की जा चुकी है। अन्य समस्त राजकीय मेडिकल कालेजों में स्वाइन फ्लू की जॉचे सुचारू रूप से की जा रही है। श्री गुप्ता ने बताया कि समस्त राजकीय मेडिकल कालेजो में ट्रिपल लेयर मास्क उपलब्ध है तथा एन-95 मास्क अधिकांश मेडिकल कालेज में उपलब्ध है।

जिन मेडिकल कालेजों में एन-95 मास्क उपलब्ध नहीं है, उनमें प्राथमिकता के आधार पर उपलब्धता सुनिश्चित की जा रही है। लखनऊ महानिदेशक ने बताया कि सभी राजकीय मेडिकल कालेजों में 500 से 750 के मध्य टेमी फ्लू टेबलेट उपलब्ध है। उन्होंने बताया कि राजकीय मेडिकल कालेज, मेरठ में सर्वाधिक 41 संदिग्घ रोगी आये है, जिनकी जॉचोंपरान्त उनमें से 25 रोगी पाजिटिव पाये गये, जिनमें से 03 रोगियो की मृत्यु हुई है। उन्होंने बताया कि इसी को दृष्टिगत रखते हुए मेडिकल कालेज मेरठ में स्वाइन फ्लू के रोगियों के लिए पूर्व से आरक्षित बेडों की संख्या को बढ़ते हुए 30 बेड का आईसोलेशन वार्ड तथा 12 वेटीलेटर आरक्षित किये गये है। श्री गुप्ता ने बताया कि स्वाइन फ्लू के रोगियों की बढती संख्या के दृष्टिगत समस्त प्रधानाचार्यो को निर्देशित किया जा चुका है कि स्वाइन फ्लू के रोगियों के लिए मास्क तथा औषधि की उपलब्धता पर्याप्त मात्रा में सुनिश्चित करे तथा यदि किसी प्रकार की कोई बाधा उत्पन्न हो रही है तो तत्काल उच्चाधिकारियों को अवगत कराये, जिससे समय रहते उसका समाधान किया जा सके। उन्होंने बताया कि सम्बन्धित को यह भी निर्देश दिये गये है कि स्वाइन फ्लू के मरीजों के उपचार में किसी प्रकार की कोई शिथिलता न बरती जाये। गौरतलब है कि स्वाइन फ्लू के कारण लखनऊ समेत अन्य अस्पतालों के डाक्टर और अन्यकर्मचारी भी इससे प्रभावित हैं।

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