मुम्बई (ईएमएस )। केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि भारत में दुनिया का ‘मेडिकल टूरिज्म’ हब बनने की सभी संभावनाएं हैं और केंद्र की मोदी सरकार ने इस दिशा में कई महत्वपूर्ण पहल की है। जिसमें चिकित्या सुविधाओं को बेहतर बनाने के साथ गरीबों, कमजोर तबकों तक आसानी से पहुंच वाली बनाना शामिल है। मुम्बई के बांद्रा में छत्रपति शिवाजी की जयंती के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए नकवी ने कहा कि मोदी सरकार ने ऐसे कई कदम उठाये हैं जिसने बेहतरीन स्वास्थ्य सेवाओं को सस्ता- सुलभ बनाने, आम लोगों तक पहुंच बनाने में सहायक होगी।
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार चिकित्सा व्यवस्था को मजबूत करने के लिए प्राथमिकता के आधार पर विभिन्न कदम उठा रही है जिसमे स्वास्थ्य सेवाओं के लिए अरबों रूपए का बजट भी शामिल है। सभी लोगों को हृदय से सम्बंधित वहनीय, गुणवत्तापरक स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने की पहल करते हुए सरकार ने दिल के रोगों का उपचार करने के लिए जरूरी कोरोनरी स्टेंट के अधिकतम मूल्य निर्धारित करने की अधिसूचना जारी की और इस क्रांतिकारी कदम से कोरोनरी स्टेंट की कीमत में करीब 380 प्रतिशत की कमी होगी।
नकवी ने कहा कि राष्ट्रीय औषधि मूल्य निर्धारण प्राधिकरण ने अपेक्षित 60 दिनों के अंदर मूल्य निर्धारित कर दिए हैं। उन्होंने कह कि इन नये मूल्यों से उद्योग पर किसी प्रतिकूल प्रभाव की आशंका नहीं है। बाजार में बीएमएस और डीईएस स्टेंट का औसत अधिकतम खुदरा मूल्य क्रमश: 45,000 रुपए और 1,21,000 रुपए था। इसे कम कर बीएमएस के लिए 7623 रुपए और डीईएस के लिए 31,080 रुपए कर दिया गया है। इस प्रकार मूल्य कमी के आधार पर, रोगियों को औसतन 80-90 हजार रुपए प्रति स्टेंट का लाभ होगा, परिणामस्वरूप एक वर्ष में 4450 करोड़ रुपए की सकल राहत प्राप्त होगी।
नकवी ने कहा कि नई अधिकतम कीमतों से व्यापक रूप से मेक इन इंडिया पहल को बढ़ावा मिलेगा। बड़ी संख्या में मशीनों और अन्य आवश्यकताओं को देखते हुए विदेशी कंपनिया भी लागत में कटौती करने और प्रतिस्पर्धी बने रहने के लिए दवाइयों का भारत में निर्माण करेंगी। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार शहरी क्षेत्रों के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्रों में भी बेहतरीन मेडिकल सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए युद्धस्तर पर काम कर रही है।