मेरठ में पुत्र न होने पर महिला को जंजीरों में बांधा
महिला को जंजीरों से बंधे हुए आसपास के लोगों ने देखकर कंट्रोल रूम को सूचना दे दी। यूपी-100 और मेडिकल पुलिस की टीम पहुंची। सुशीला की जंजीर खोलकर उसे भाई व पति के सुपुर्द कर दिया गया।
मेरठ। सरकार के तमाम जागरूकता अभियान के बाद आज भी पढ़े-लिखे समाज में अंधविश्वास बड़ी मात्रा में व्यापत है। मेरठ जिले में अंधविश्वास में जकड़े पति और भाई ने बेटे की चाहत में महिला को जंजीरों से बांध कर ताला डाल दिया।
इसी दौरान उन्हें हाथ और पैर दोनों जंजीर से बांधकर कालिया गढ़ी में झाड़ फूंक कराते हुए पुलिस ने रंगे हाथों पकड़ लिया। तांत्रिक के साथ महिला और उपचार कराने आए युवकों को भी पकड़ा। थाने लाकर महिला की जंजीरें खोलने के बाद भाई और पति के सुपुर्द कर दिया। तांत्रिक के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। इस महिला का उपचार कराने के लिए साथ गए युवकों को रात में पुलिस ने छोड़ दिया।
मेडिकल थाने के तेजगढ़ी में जगवा की बेटी सुशीला की शादी नौ वर्ष पहले हापुड़ के सिंघावली थाने के भगवानपुर निवासी रविंद्र्र के साथ हुई थी। भाई क्रांति ने बताया कि कुछ समय पहले कालिया गढ़ी के गोलू वर्मा के पास उपचार के लिए ले गए। गोलू ने बताया कि सुशीला के अंदर बाहरी हवा है, जिसे निकाल देगा।
वह और पति नरेंद्र अपने दोस्त शिवम और एक अन्य को साथ लेकर सुशीला का उपचार कराने के लिए गोलू के घर पहुंचे। महिला को जंजीरों से बंधे हुए आसपास के लोगों ने देखकर कंट्रोल रूम को सूचना दे दी। तभी यूपी-100 और मेडिकल पुलिस की टीम पहुंची। सुशीला को जंजीरों मुक्त किया और तांत्रिक गोलू वर्मा, सुशीला के पति रविंद्र और भाई क्रांति तथा साथ आए युवकों को थाने लाया गया।
सुशीला की जंजीर खोलकर उसे भाई व पति के सुपुर्द कर दिया गया। बाद में दोनों युवकों को भी छोड़ दिया। एसओ धर्मेंद्र का कहना है कि तांत्रिक गोलू के खिलाफ पुलिस की ओर से कार्रवाई की जा रही है।