लोगों का मानना है कि फिल्म इंडस्ट्री में मेहनत से ज्यादा किस्मत का साथ होना जरुरी है।यह बात वाणी कपूर के मामले में काफी हद तक सच है, तभी तो पयर्टन में उच्च डिग्री हासिल कर ओबेराय होटल में एक साल तक इंटर्नशिप करने के बाद वाणी कपूर अचानक अभिनेत्री बन गया। वाणी कपूर कहती हैं कि मुझे तकदीर ने अभिनेत्री बना दिया, अन्यथा मैंने स्वयं भी अभिनेत्री बनने की बात कभी नहीं सोची थी।पयर्टन में डिग्री लेने के बाद मैंने तीन साल तक जयपुर में ओबेराय ग्रुप के साथ इंटर्नशिप भी की। उसके बाद अचानक मुझे मॉडलिंग के ऑफर मिलने लगे। एक फोटो शूट के लिए मेरा मुंबई आना क्या हुआ कि मेरी तकदीर ही बदल गयी। शानू मेहरा ने मेरा ऑडिशन लिया और फिल्म ’शुद्व देसी रोमांस‘ में अभिनय करने के लिए चुन लिया। इसमें अपने चरित्र की चर्चा करते हुए वाणी कहती हैं यह एक रोमांटिक फिल्म है, मगर इसमें टिपिकल यशराज रोमांस नहीं है, जबकि इसकी कहानी यूथफुल है। इसमें ह्यूमर की भरमार है। इस फिल्म के चरित्र आज के यूथ से मिलते-जुलते हैं। आज की युवा पीढ़ी प्यार, रोमांस और रिश्तों को लेकर हमेशा कन्फ्यूज्ड नजर आती है। प्यार को लेकर लोग सुनिश्चित होने से पहले अपने आप से इतने सवाल करते हैं कि उनके जवाब ढूंढ़ते-ढूंढ़ते उनके प्यार का अंत हो जाता है।