बेंग्लूरू : कर्नाटक में गुरुवार को विधानसभा में 51 सीटों पर असर डालने वाले एससी/एसटी की बात की। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि कांग्रेस दलितों के लिए कुछ नहीं करती। जवाब में राहुल ने पूछा कि मोदी दलितों का मुद्दा क्यों नहीं उठाते? उन्होंने यहां प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इस दौरान उन्होंने मोदी, केंद्र सरकार और भाजपा के मुख्यमंत्री उम्मीदवार येद्दियुरप्पा पर हमला बोला। राहुल ने सोनिया गांधी की मातृभाषा के बारे में पीएम की टिप्पणी पर भी जवाब दिया। उन्होंने कहा कि मेरी मां इटैलियन हैं, लेकिन जिंदगी का ज्यादा वक्त भारत में बिताया। मेरी मां दूसरे लोगों से ज्यादा भारतीय है। दरअसल, 1 मई को राहुल के 15 मिनट संसद में बोलने देने के जवाब में मोदी ने चामराजनगर कहा था कि मोदी जी को छोड़ो। मैं आपसे कहता हूं कि आप कर्नाटक के चुनाव प्रचार में 15 मिनट बगैर कागज हाथ में लिए हिंदी, अंग्रेजी या अपनी मां की मातृभाषा में बोल के दिखा दीजिए। प्रधानमंत्री आप पर निजी हमले कर रहे हैं, आपसे अपनी मातृभाषा में बोलने के लिए कह रहे हैं? प्रधानमंत्री ने जिस तरह के निजी हमले किए क्या वह एक संवैधानिक पद पर बैठे व्यक्ति को शोभा देता है? मैंने उनसे सवाल पूछे, जवाब में उन्होंने निजी वार किए। यह कौन से स्तर की राजनीति है? मेरी मां इटैलियन हैं, लेकिन जिंदगी का ज्यादा वक्त भारत में बिताया। उन्होंने इस देश के लिए त्याग किया है। उन्होंने मुसीबतों का सामना किया है। मेरी मां दूसरे लोगों से ज्यादा भारतीय है। मोदी ने कहा था, लोकतंत्र में हम नेता और नागरिकों की बातों को गंभीरता से लिया जाता है। कांग्रेस अध्यक्ष ने हाल ही में मुझे एक चुनौती। उन्होंने कहा कि अगर मैं संसद में 15 मिनट भी बोलूंगा तो मोदी जी बैठ नहीं पाएंगे। वे 15 मिनट बोलेंगे, ये भी एक बड़ी बात है और मैं बैठ नहीं पाऊंगा। कांग्रेस अध्यक्ष जी आप नामदार हैं और हम कामदार हैं। हम तो अच्छे कपड़े भी नहीं पहन सकते, आपके सामने कैसे बैठेंगे। हम लोगों ने नामदारों के जुल्म झेले हैं और आज इस ताकत को बढ़ाते चले जा रहे हैं। मोदी जी को छोड़ो। मैं आपसे कहता हूं कि आप कर्नाटक के चुनाव प्रचार में 15 मिनट बगैर कागज हाथ में लिए हिंदी, अंग्रेजी या अपनी मां की मातृभाषा में बोल के दिखा दीजिए। एक बात और इस 15 मिनट के भाषण में 5 बार श्रीमान विश्वेश्वरैया का नाम ले लेना। कर्नाटक की जनता तय कर लेगी, उन्हें क्या करना है। मोदी ने कल कहा था कि आपने विपक्ष के नेताओं से सलाह-मशविरा किए बिना खुद को प्रधानमंत्री उम्मीदवार घोषित कर दिया यह चुनाव मेरे लिए नहीं है। यह चुनाव प्रधानमंत्री के लिए नहीं है। यह चुनाव कर्नाटक के लिए है। मेरा मानना है कि इस मुद्दे पर बात करना कर्नाटक के लोगों के साथ धोखा है। प्रधानमंत्री कर्नाटक के किसानों, बेरोजगारों, आईटी सिटी, गार्डन सिटी के बारे में बात नहीं करते। निजी हमले करते हैं।