मुम्बई : पत्रलेखा इन दिनों अपनी नयी फिल्म ‘नानू की जानू’ को लेकर सुर्खियों में हैं। पत्रलेखा को अभी इंडस्ट्री में आये चार साल हुए हैं और ‘नानू की जानू’ उनकी तीसरी फिल्म हैं। वह कहती हैं कि उन्हें हर तरह की फिल्में करनी हैं। पत्रलेखा कहती हैं कि वह आज भी इंडस्ट्री में किसी को करीबी दोस्त नहीं बना पाई हैं। जहां से वह आयी हैं, हिंदी सिनेमा में वहां से अब तक कोई नहीं आया था। वो शिलॉंग से आई हैं। वह कहती हैं कि “हां यह सच है कि मेरे लिए जर्नी कठिन थी। मेरे कोई भी फैमिली फ्रेंड्स तक इस इंडस्ट्री में नहीं थे जब मैं मुंबई आयी थी। मैं मुंबई कॉलेज करने आयी थी। धीरे धीरे काफी टाइम लगा। मैं काफी एड के ऑडिशन देती थी ताकि वहां काम करके मुझे निर्देशकों तक पहुँचने का मौका मिले। मैं छह साल पुरानी बात कर रही हूं। उस वक़्त इंटरनेट इस तरह से नहीं था। मैंने अपने लिए रास्ता वहां ढूंढा लेकिन आज इंटरनेट का जो धमाका हुआ है वह कमाल का है। एक्टर्स को काफी मौके मिलने लगे हैं।
‘नानू की जानू’ में अपने किरदार को लेकर वह कहती हैं कि फिल्म में नानू के किरदार में अभय हैं, जानू मैं हूं। यह एक हॉरर कॉमेडी है। बहुत क्यूट फिल्म है। अभय एक गुंडे के किरदार में हैं। उनके साथ काम करना कैसा रहा? इस सवाल पर पत्रलेखा कहती हैं कि मैंने देव डी जब देखी था तो उनका काम मुझे अच्छा लगा था। मैं बचपन से शाहरुख की फिल्में देखती थी, लेकिन देव डी देखकर लगा कि मुझे भी कुछ वैसा करना है। फिर बाद में जब ‘नानू की जानू’ की स्क्रिप्ट आयी और मुझे पता चला की इसमें अभय हैं, तो ये एक बकेट लिस्ट जैसी बात थी जो पूरी हुयी। अभय देओल को दर्शकों और फैंस बहुत सारा प्यार मिलता है। पत्रलेखा की ख्वाहिश है कि वह हॉलीवुड जाकर वहां ये देखें कि किस तरह से एक्टर्स वहां काम करते हैं।