मेहुल चौकसी के ‘कारनामे’ जानते तो नहीं देते नागरिकता : एंटीगुआ सरकार
सेंट जाॅन : एंटीगुआ सरकार ने भगोड़े मेहुल चौकसी को नागरिकता दिए जाने पर सफाई दी है। एंटीगुआ की सरकार ने कहा है कि अगर उन्हें मेहुल पर लगाए गए आरोपों की जानकारी पहले से होती तो उसे नागरिकता दी ही नहीं जाती। एंटीगुआ के विदेश मंत्री एप चेट ग्रीन के हवाले से एनडीटीवी ने बताया कि भारत की ओर से प्रत्यर्पण से जुड़े निवेदन पर उनकी सरकार सहयोग करेगी। ग्रीन ने कहा, उनकी सरकार ने भारत के साथ दोस्ताना रिश्ते चाहती है। उन्होंने कहा कि अगर हमें स्थिति का अंदाजा होता तो हम चौकसी को एंटिगुआ की नागरिकता नहीं देते। वहीं मेहुल चौकसी का दावा है कि उसने अपना व्यापार बढ़ाने के लिए पिछले वर्ष कैरेबियाई देश एंटीगुआ की नागरिकता ले ली थी। एंटीगुआ की स्थानीय मीडिया में आयी खबरों के अनुसार, चौकसी का दावा है कि एंटीगुआ के पासपोर्ट पर 132 देशों में बिना वीजा के यात्रा करने की छूट है। चौकसी की ओर से उसके वकील डेविड डोरसेट ने बयान जारी कर कहा था कि भारतीय सरकार द्वारा लगाए जा रहे आरोपों में कोई सच्चाई नहीं है।
अखबार में छपे बयान के अनुसार, हालांकि, मैं कह सकता हूं कि मैंने सिटिजनशिप बाई इंवेस्टमेंट प्रोग्राम के तहत वैध तरीके से एंटीगुआ और बारबुडा की नागरिकता के लिए आवेदन किया था, अपने आवेदन के दौरान मैं वह सब कुछ किया जो कानूनी रूप से आवश्यक था। नागरिकता के लिए मेरा आवेदन तय प्रक्रिया के तहत मंजूर हुआ है, खबर के अनुसार, चौकसी ने नवंबर, 2017 में एंटीगुआ की नागरिकता ली है और 15 जनवरी, 2018 को देशभक्ति की शपथ ली है। इससे पहले सीबीआई ने बुधवार को एंटीगुआ के अधिकारियों को पत्र लिखकर भगोड़े हीरा व्यवसायी मेहुल चौकसी के ठिकाने के बारे में जानकारी मांगी है। चोकसी पंजाब नेशनल बैंक में दो अरब डॉलर से अधिक की धोखाधड़ी मामले में कथित तौर पर संलिप्त है, चोकसी ने कैरैबियन देश एंटीगुआ की नागरिकता हासिल कर ली है।