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मैं प्रधानमंत्री नहीं बनना चाहता : नितिन गडकरी

नई दिल्ली : भाजपा की मोदी सरकार में मंत्री नितिन गडकरी ने आज कहा कि वह प्रधानमंत्री नहीं बनना चाहते हैं, मैं अपनी औकात समझता हूँ और उन्होंने जो भी हासिल किया है उससे वह संतुष्ट हैं। सहयोगियों तेलुगू देशम पार्टी, शिवसेना एवं अकाली दल के साथ तनावपूर्ण संबंधों और वर्ष 2019 के लोकसभा चुनावों में आवश्यक संख्या पाने में नाकाम रहने पर क्या उन्हें सर्वसम्मति से उम्मीदवार चुने जाने पर नितिन गडकरी ने कहा, मैं संतुष्ट हूं और मैं प्रधानमंत्री बनने का सपना नहीं देख रहा या न ही मेरी ऐसी कोई ख्वाहिश है। पार्टी ने नरेंद्र मोदी को चुना है और मुझे विश्वास है कि उनके नेतृत्व में हम अकेले लड़ेंगे और वर्ष 2019 का चुनाव जीतेंगे।

उन्होंने कहा की मैं ऐसे सपने नहीं देखता। मैं अपनी औकात और हैसियत के मुताबिक काम करता हूं। मैंने किसी को भी अपनी तस्वीर नहीं दी है और कभी किसी को अपना बायोडाटा नहीं दिया है ना ही मैंने कहीं अपना कटआउट लगाया है। न ही कोई मुझे लेने के लिये हवाईअड्डा आता है। मैं अपनी क्षमता के अनुसार काम करता हूं।उन्होंने कहा कि रोटी, कपड़ा और मकान हासिल करना, किसी व्यक्ति के अंदर अच्छे दिन के नारे में विश्वास पैदा कर सकता है और लोगों की जरूरतों के समाधान के लिये मोदी सरकार द्वारा उठाये गये कदम इसे प्रदर्शित करते हैं।

शिवसेना मुद्दे पर उन्होंने कहा कि राजनीति में कुछ भी निश्चित नहीं होता। शिवसेना सार्वजनिक रूप से अकेले चलने की अपनी मंशा जाहिर कर चुकी है। एक लोकप्रिय मराठी मुहावरा बोलते हुए उन्होंने कहा कि उनमें भले ही खटपट हो सकती है लेकिन भाजपा के बगैर सहयोगियों के लिये कुछ भी करना संभव नहीं है। दिलचस्प बात यह है कि भाजपा नेता ने यह साफ किया कि महाराष्ट्र की संस्कृति से उन्हें वैसे तो बहुत लगाव है और दिल्ली में रहने में उन्हें कई परेशानियां भी आयीं, लेकिन फिर भी अभी मुंबई लौटने का उनका कोई इरादा नहीं है।

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