मोदी और ओलांद आज करेंगे मुलाकात, राफेल डील पर टिकी है नजर
दस्तक टाइम्स एजेन्सी/ नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और फ्रांसीसी राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद आज दिल्ली में मिलेंगे। कई समझौतों पर दस्तखत होने की उम्मीद है, लेकिन लंबे समय से अटके राफेल सौदे पर इस बार भी बात बनती नहीं दिख रही है। भारत आने से पहले ओलांद ने न्यूज़ एजेंसी पीटीआई को दिए इंटरव्यू में कहा था कि रफाल डील सही ट्रैक पर है। फ़िलहाल कुछ तकनीकि पहलुओं पर विचार किया जा रहा है।
पिछले साल अप्रैल में फ्रांस दौरे पर गए पीएम मोदी ने फ्रांस से 36 रफाल खरीदने की घोषणा की थी, लेकिन दोनों देशों के बीच कीमतों को लेकर सहमति नहीं बन पा रही है और परमाणु संयंत्रों, स्मार्ट सिटीज़, अंतरिक्ष सहयोग, व्यापार और ऊर्जा के क्षेत्र में भी दोनों देशों के बीच कई समझौतों की उम्मीद है।
गणतंत्र दिवस का तोहफा शायद न मिले
एनडीटीवी इंडिया को मिली जानकारी के मुताबिक फ्रांस के राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद के हाथ इस बार तो राफेल डील शाय़द ही लगेगी। हां बाद में इस सौदे पर अंतिम मुहर लग जायेगी, यानी फ्रांस के राष्ट्रपति को गणतंत्र का तोहफा नहीं मिल पाएगा। ये अलग बात है कि वो 67वें गणतंत्र दिवस समारोह के मुख्य अतिथि हैं।
दोनों देश डील पर बोलने को तैयार नहीं
हालत ये है कि ना तो भारत और ना ही फ्रांस सरकार इस सौदे पर मुंह खोलने को तैयार है कि आखिर मामला कहां फंस गया है। सरकार और राफेल बनाने वाली कंपनी के बीच कीमत और ऑफसेट को लेकर बात होती रही है लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला।
क्या पैसों पर अटका है मामला
वैसे फ्रांस से सीधे 36 राफेल खरीदने का फैसला तो करीब नौ महीने पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की फ्रांस यात्रा के दौरान ही हो गया था। सूत्रों के मुताबिक भारत 36 विमानों के लिये 60 हजार करोड़ देने को तैयार है लेकिन फ्रांस इसके लिये 65 हजार करोड़ से भी ज्यादा की डिमांड कर रहा है। ये दोनों देशों के लिये कोई अच्छी स्थिति नही होगी कि महज कीमतों की वजह से राफेल डील की डगर मुश्किल हो जाए।
रिश्तों पर पड़ेगा असर
चाहे ना चाहे इसका असर तो दोनों देशों के बढ़ते सामरिक रिश्ते पर जरूर पड़ेगा। वैसे कोशिश तो जरूर हो रही है आपसी संबध और प्रगाढ़ व मजबूत हों, तभी राजपथ पर गणतंत्र दिवस के मौके पर फ्रांस की सेना की टुकड़ी हिस्सा ले रही है। पहली बार किसी विदेशी देश की सेना परेड में हिस्सा लेगी।