दिल्लीराज्य

मोदी और नीतीश के रिश्तों में अरसे से जमी बर्फ अभी नहीं पिघली : केसी त्‍यागी

चुनवी महासमर में संभावनाओं को तलाशने वाले वालों को यह कथन अच्‍छा नहीं लग सकता है। हाल ही में पीएम माेेदी और नीतीश कुमार की मुलाकात को उनके ही पार्टी के एक वरिष्‍ठ नेता ने मात्र औपच

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गाजियाबाद । बिहार में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सीएम नीतीश कुमार की स्नेह भरी मुलाकात और एक दूसरे की खुलकर तारीफ करने को जनता दल यूनाइटेड के राष्ट्रीय महासचिव व प्रवक्ता केसी त्यागी ने सामान्य शिष्टाचार बताया है। उनका कहना है कि पीएम मोदी से सीएम नीतीश के वैचारिक मतभेद जस के तस हैं।

एक मुलाकात में केसी त्यागी ने कहा कि भाजपा और जदयू वैचारिक रूप से विरोधी जरूर हैं मगर दुश्मन नहीं हैं। अलग विचारधारा का होने के बावजूद प्रधानमंत्री का स्वागत किया जाना संघीय ढांचे की मर्यादा का हिस्सा है। वो ही मर्यादा बिहार के मुख्यमंत्री ने निभाई।

उन्होंने कहा कि यह एक आदर्श स्थिति है और सभी राजनीतिक दलों को इसका ध्यान रखना चाहिए। केंद्र और राज्य एक दूसरे का सम्मान करते हुए काम करें तभी अच्छा है।

पीएम मोदी द्वारा नीतीश कुमार की खुलकर तारीफ करने के पीछे कुछ भावी संकेत तो नहीं छुपे, इसके जवाब में केसी त्यागी ने कहा कि प्रधानमंत्री ने जो उन्होंने महसूस किया, वो नीतीश कुमार के बारे में बोला।

विधानसभा चुनाव के दौरान ये ही नरेंद्र मोदी इस हद तक आक्रामक हो रहे थे मानो प्रधानमंत्री नहीं, सिर्फ भाजपा के नेता हैं। केसी ने कहा कि प्रधानमंत्री को आप लिखित स्क्रीप्ट नहीं दे सकते कि उन्हें क्या बोलना है और क्या नहीं। वो अपने मन की बात कहने और करने के लिए स्वतंत्र हैं।

उत्तर प्रदेश में सपा कुनबे में चल रही रार पर केसी त्यागी ने कोई प्रतिक्रिया व्यक्त नहीं की। ये उम्मीद जरूर जताई कि चुनाव से पहले सपा में सब ठीक हो जाएगा। क्या चुनावी तालमेल की संभावना के कारण आप चुप हैं, इसके जवाब में उन्होंने कहा कि यूपी में जदयू, रालोद, एनसीपी और बहुजन समाज मोर्चा का गठबंधन हो चुका है।

अब किसी पार्टी से तालमेल के लिए इस गठबंधन की तरफ से पहल नहीं होगी। अगर सपा या कांग्रेस की तरफ से प्रस्ताव आता है तब क्या स्टैंड रहेगा, इसके जवाब में केसी ने कहा कि उस पर विचार किया जाएगा।

नोटबंदी पर जदयू नेता नीतीश कुमार और शरद यादव की अलग-अलग राय के सवाल पर केसी ने कहा कि कदम अच्छा लग रहा था, इसलिए नीतीश ने समर्थन किया था। अब नीतीश कुुमार ने नोटबंदी का रिव्यू करने के लिए कहा है। इसके लिए पटना में जल्द ही बैठक होगी।

केसी ने कहा कि हम अभी भी नोटबंदी के खिलाफ नहीं हैं मगर नोटबंदी से पहले पर्याप्त तैयारियां जरूर की जानी चाहिए थीं। बिहार में शराबबंदी जैसा बड़ा फैसला तब लिया गया जबकि सभी एमएलएल व एमएलसी और डेढ़ करोड़ अभिभावकों से शपथपत्र ले लिए गए कि वो न तो स्वयं शराब पिएंगे और न ही अपने बच्चों व परिजनों को पीने देंगे।वहां सरकार की तरफ से शराबियों के लिए राहत शिविर तक लगाए गए जिनमें नशे की लत के शिकार लोगों को कई-कई दिन ठहरा कर दवाएं दी गईं और काउंसिलिंग की गई। अब 21 जनवरी को शराबबंदी को लेकर ही बिहार में दो करोड़ लोगों की मानव श्रंखला बनाई जाएगी। यह दुनिया की सबसे बड़ी मानव श्रंखला होगी। इसी तरह की कोशिश नोटबंदी के लिए भी की जानी चाहिए थीं।

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